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सिरमौर में रूक-रूक हो रही बारिश व हिमपात, किसानों के लिए संजीवनी से कम नहीं

सिरमौर व‍ासियों का बारिश हाेने से शुष्‍क मौसम से निजात मिली है, बताया जा रहा है कि किसानों के लिए ये बारिश संजीवनी से कम नही हैे।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 02:26 PM (IST)
सिरमौर में रूक-रूक हो रही बारिश व हिमपात, किसानों के लिए संजीवनी से कम नहीं
सिरमौर में रूक-रूक हो रही बारिश व हिमपात, किसानों के लिए संजीवनी से कम नहीं

नाहन, जेएनएन। मंगलवार देर रात से बुधवार दिन भर जिला सिरमौर में हुई रूक-रूक बारिश व बर्फबारी किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बारिश होने से जिला सिरमौर वासियों का शुष्क मौसम से भी निजात मिली है। वही बुधवार दोपहर बाद से जिला के अधिकतर क्षेत्रों के ताममान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

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बारिश के चलते नाहन, सराहां, संगडाह, राजगढ़, हरिपुरधार, शिलाई, नौहराधार, नारग व नैनाटिक्कर बाजारों से रौनक गायब रही। ठंड से बचने के लिए लोग पूरा दिन घरों में ही दुबके रहे। वही सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में पिछले 16 घंटों से रूक-रूक बर्फबारी का सिलसिला जारी है।

जिला के उपरी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होते ही निगम की आधा दर्जन बसे विभिन्न रूटों में फंस गई थी, जिन्हें दोपहर बाद वाया-वाया कर नाहन पंहुचाया गया। चूड़धार में बुधवार दोपहर तक करीब एक फुट तक ताजा हिमपात हुआ है। जिला भर के रुक रुक कर बारिश हो रही है। कई ऊंचाई वाले क्षेत्रो में ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि व बारिश के कारण तापमान में आई भारी गिरावट के चलते समूचा जिला शीतलहर की चपेट में आ गया है।

बुधवार को नौहराधार व हरिपुरधार का अधिकतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 1 डिग्री तक पहुंच गया।  3 महीने के बाद हुई बारिश से क्षेत्र के किसानों व बागवानों ने राहत की सांसे प्रदान की है। वही पीली पड़ चुकी लहसुन की फसल के लिए यह बारिश जहां संजीवनी साबित होगी। वही जिला के निचले क्षेत्रों में लबें समय से गेंहु व जौ की फसल की बुआई का इंतजार कर रहे क्षेत्र के किसान अब बुआई के कार्य में जुट जाएंगे।

 

जिले में इन दिनों गेहूं, मटर, जौं, प्याज व लहसुन की फसल की बिजाई की है। जिले के ऊपरी क्षेत्रों में गेहूं की पैदावार कम मात्रा में की जाती है। मगर निचले क्षेत्रों में कई किसान गेहूं व धान की फसल पर ही निर्भर रहते हैं। निचले क्षेत्रों में गेहूं की बडे पैमाने पर पैदावार की जाती है। नाहन व पांवटा विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक गेहूं की पैदावार होती है।

चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने यात्रियों को सलाह दी है कि खराब मौसम में यात्री चूड़धार न आए। चूड़धार में मंगलवार देर शाम से लगातार बर्फबारी हो रही है। वहां पर एक फुट तक ताजा हिमपात हो चुका है। नाहन बस अड्डा प्रभारी सुखराम ठाकुर ने बताया कि बुधवार तडक़े बर्फबारी शुरू होते ही सभी चालकों को बसे वाया-वाया निकाल कर नाहन लाने के निर्देंश दे दिये थे। सभी रूटों की बसें नाहन पंहुच चुकी है।


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