इंडियन टेक्नोमेक के एमडी के खिलाफ गैर जमानती वारंट
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े कर एवं कर्ज घोटाले में शनिवार को नाहन की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान विशेष अदालत ने इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा को पकडऩे के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए। सीआईडी अब गैर जमानती वारंट को इंटरपोल को जारी करेगी ताकि विदेश में छिपे कंपनी के एमडी राकेश शर्मा को पकडऩे के लिए इंटरपोल के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा सके। इसके अतिरिक्त बिजली बोर्ड के 5 करोड़ के फर्जी आरटीजीएस के मामले में
जागरण संवाददाता, नाहन : इंडियन टेक्नोमेक के कर-कर्ज घोटाले में शनिवार को नाहन की विशेष अदालत ने कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा को पकड़ने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया है। सीआइडी अब इसे इंटरपोल को जारी करेगी, ताकि विदेश में छिपे आरोपित को पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया जा सके। इसके आलावा बिजली बोर्ड के पांच करोड़ के फर्जी आरटीजीएस के मामले में तत्कालीन एसडीओ व एक्सईएन भी कोर्ट में पेश हुए। सीआइडी द्वारा गिरफ्तार किए सभी 19 आरोपियों, जिसमें कंपनी के पदाधिकारी, बिजली बोर्ड और आबकारी एवं कराधान विभाग के कर्मचारी व अधिकारी भी सुनवाई में उपस्थित रहे। फर्जी आरटीजीएस के मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को व 2100 करोड़ के कर कर्ज घोटाले में अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। सीआइडी ने जो 19 लोग अभी तक गिरफ्तार किए हैं, उनमें से 15 को हाईकोर्ट में जमानत दे दी है। कंपनी के चार पदाधिकारी अब भी जेल में हैं। सीआइडी क्राइम के डीएसपी रमेश शर्मा ने बताया कि इंटरपोल के माध्यम से राकेश शर्मा को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाएगा, ताकि उस पर विदेश में शिकंजा कसा जा सके। क्या है मामला
इंडियन टेक्नोमेक कंपनी द्वारा 2008 से 2014 तक प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। 2014 में आबकारी एवं कराधान विभाग की इंटेलिजेंस यूनिट ने कंपनी के गड़बड़झाले को पकड़ा और कंपनी सील कर दी। प्रदेश सरकार ने पुलिस और सीआइडी के बाद जांच प्रवर्तन निदेशालय को भी सौंपी। मामले में प्रवर्तन निदेशालय व सीआइडी अलग-अलग जांच कर रहे हैं।