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रक्तदान करने वालों को नि:शुल्क चाट-टिक्की खिलाते हैं नरेंद्र

कहते हैं नर सेवा नारायण सेवा है। यदि मन में समाज सेवा का जज्बा हो, तो फिर ढलती उम्र और माली हालत इसके लिए कोई मायने नहीं रखती है। इसी को चरितार्थ कर रहे हैं श्रीरेणुकाजी विस के ददाहू में रहने वाले बुजुर्ग नरेंद्र गिरी। उम्र की जिस दहलीज पर मनुष्य की कार्य क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है, नरेंद्र गिरी इस समय भी बिल्कुल सादगी भरा जीवन यापन कर समाज सेवा और अपने लिए दो जून की रोटी कमा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 05:19 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 05:19 PM (IST)
रक्तदान करने वालों को नि:शुल्क चाट-टिक्की खिलाते हैं नरेंद्र
रक्तदान करने वालों को नि:शुल्क चाट-टिक्की खिलाते हैं नरेंद्र

जागरण संवाददाता, नाहन : कहते हैं नर सेवा नारायण सेवा है। यदि मन में जज्बा हो, तो फिर ढलती उम्र और माली हालत इसके लिए कोई मायने नहीं रखती। इसी को चरितार्थ कर रहे हैं श्रीरेणुकाजी विधानसभा के ददाहू में रहने वाले बुजुर्ग नरेंद्र गिरी। उम्र की जिस दहलीज पर मनुष्य की कार्य क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है, नरेंद्र गिरी इस समय भी बिल्कुल सादगी भरा जीवन यापन कर समाजसेवा और अपने लिए दो जून की रोटी कमा रहे हैं। 80 वर्षीय नरेंद्र गिरि आज भी ददाहू बाजार में चाट-टिक्की का ठेला लगाते हैं। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ददाहू में जब भी रक्तदान शिविर लगता है, तो वह समस्त रक्तदानियों को नि:शुल्क चाट-टिक्की खिलाते हैं। नरेंद्र गिरी ददाहू में एक किराये के कमरे में रहते हैं। सुबह के समय यह चाट-टिक्की को तैयार करते हैं और शाम को चार बजे के बाद बाजार में इसका ठेला लगाते हैं। नरेंद्र गिरी मूलत: लखनऊ के रहने वाले हैं। इससे पहले वे केदारनाथ में रहते हैं। एक त्रासदी ने इनकी पत्नी और बेटे को लील लिया। इसके बाद वह वहां से ददाहू आ गए। वर्तमान में इनकी एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है। अब नरेंद्र गिरी अकेले रहते हैं और चाट-टिक्की का ठेला चलाकर गुजर बसर करते हैं। नरेंद्र गिरी बताते हैं कि वह समाजसेवा में अपना योगदान देना चाहते हैं, मगर उम्र और माली हालत उनके आड़े रहती है। फिर भी वह हार नहीं मानते और जितना हो सकता है समाजिक उत्थान के लिए कार्य करते हैं। नरेंद्र का कहना है कि जब वह लोगों को रक्तदान करते हुए देखते हैं, तो उन्हें बहुत खुशी होती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है, जिससे व्यक्ति को नया जीवन मिलता है। वह रक्तदान करने में तो असमर्थ हैं, मगर रक्तदान करने वालों को चाट टिक्की खिला समाज सेवा में कुछ सहयोग देने का प्रयास करते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशे जैसी भयानक बुराई में न पड़े और समाजिक उत्थान के कार्यों में सहयोग दें।

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