मिल्क चिलिग प्लांट मरयोग बंद होने की कागार पर
जिला सिरमौर के किसानों की आर्थिकी को सु²ढ़ करने के उददेश्य से हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री स्व. डॉ. वाईएस परमार द्वारा मरयोग में स्थापित दुग्ध चिलिग प्लांट इन दिनों अव्यवस्था के कारण बंद होने की कागार पर पंहुच चंका है। इस प्लांट के भवन व मशीनरी की हालत बहुत खस्ता हो गई है। जिसे देखकर लगता है कि वर्षो से यह दुग्ध चिलिग प्लांट मिल्क फैड की अव्यवस्था का शिकार हो चुका है। उल्लेखनीय है कि 30 दिसंबर 1974 में इस चिलिग प्लांट की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार द्वारा की गई थी और उस दौरान प्लांट से प्रात गाडिय़ां किसानों से दूध एकत्रित करने के लिए प्रात
पवन तोमर, राजगढ़
मरयोग में स्थापित दुग्ध चिलिग प्लांट इन दिनों अव्यवस्था के कारण बंद होने की कागार पर है। इसके भवन व मशीनरी की हालत बहुत खस्ता हो गई है। 30 दिसंबर, 1974 में इस चिलिग प्लांट की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार द्वारा की गई थी और उस दौरान प्लांट से प्रात: गाडि़यां किसानों से दूध एकत्रित करने के लिए सुबह पांच बजे रवाना हुआ करती थी। प्लांट में प्रतिदिन लगभग ढाई से तीन हजार लीटर उत्तम गुणवत्ता का दूध एकत्रित किया जाता था, जिसकी सोलन व शिमला शहर के लिए आपूर्ति की जाती थी। मरयोग दुग्ध चिलिग प्लांट के प्रबंधक नागेश गुप्ता ने प्लांट की दुर्दशा को स्वीकार ते हुए कहा कि चिलिग प्लांट का भवन जर्जर हालत में है। मशीनरी में भी जंग लग चुका है। इसमें अब केवल ढाई सौ लीटर दूध एकत्रित होता है, जिसकी आपूर्ति सोलन शहर में की जाती है। धनाभाव के कारण इस प्लांट का रखरखाव करना भी इस समय असंभव है।