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नीलामी से पहले नोडल अधिकारी का शिमला तबादला

हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा कर्मचारियों के तबादले किए जाने को लेकर अक्सर चर्चा का विषय बन जाता है। क्योंकि प्रदेश सरकार कई बार काम करने वाले अधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है। जबकि प्रदेश में कई ऐसे छोटे-बड़े कर्मचारी व अधिकारी हैं। जो वर्षों तक एक ही स्थान पर चिपके रहते हैं। जिसका कारण उनका राजनीतिक पहुंच होना व प्रदेश की दो प्रमुख पार्टीयों भाजपा व कांग्रेस में अच्छी पकड़ होना है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने आबकारी एवं कराधान विभाग के दो दर्जन अधिकारियों के तबादले किये है। जिसमें हिमाचल प्रदेश का बहु चर्चित कर-कर्ज घोटाले को पकडऩे वाले व अब इस कंपनी को नीलामी तक पहुंचाने वाले नोडल अधिकारी का भी प्रदेश सरकार ने नीलामी से पहले ही तबादला कर दिया है। प्रदेश का सबसे बड़ा कर चोरी का घोटाला पांवटा साहिब में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी द्वारा किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:45 AM (IST)
नीलामी से पहले नोडल अधिकारी का शिमला तबादला
नीलामी से पहले नोडल अधिकारी का शिमला तबादला

जागरण संवाददाता, नाहन : प्रदेश सरकार ने हाल ही में आबकारी एवं कराधान विभाग के करीब 24 अधिकारियों के तबादले किए हैं। इसमें प्रदेश के सबसे बड़े कर-कर्ज घोटाले को पकड़ने वाले व इंडियन टेक्नोमेक कंपनी को नीलामी तक पहुंचाने वाले नोडल अधिकारी का भी तबादला कर दिया है। 19 सितंबर को कंपनी की नीलामी होनी है। कंपनी ने 11 सरकारी विभागों सहित प्रदेश और केंद्र सरकार को 6000 करोड़ की चपत लगाई है। अकेले 2100 करोड रुपये की कर चोरी आबकारी एवं कराधान विभाग की गई है। 2014 में आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनामिक इंटेलिजेंस यूनिट के प्रभारी जीडी ठाकुर ने इस चोरी को पकड़ा व कंपनी को सीज किया। उसके बाद इस कंपनी में एक के बाद एक कई घोटाले सामने आते रहे हैं। घोटाले का आंकड़ा 6000 करोड़ पहुंच चुका है। 2014 से 2016 तक मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। 2016 में घोटाले को पकड़ने वाले जीडी ठाकुर को जिला सिरमौर में सहायक आयुक्त आबकारी एवं कराधान विभाग लगाया गया। ठाकुर ने कर चोरी की राशि को पूरा करने के लिए हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश कर इस कंपनी को नीलामी तक पहुंचाया, जिसकी नीलामी अब 19 सितंबर को प्रस्तावित है। यदि इसका कोई खरीदार नहीं मिलता है तो नवंबर में धर्मशाला में होने वाली इन्वेस्टर मीट में दोबारा प्रपोजल रखा गया है। हाईकोर्ट के अनुसार इंडियन टेक्नोमेक की नीलामी तक जेडी ठाकुर मामले में नोडल अधिकारी बने रहेंगे। क्योंकि यदि कोई नया अधिकारी आएगा, तो उसे कई माह तो इस 6000 करोड़ के घोटाले को समझने में ही लग जाएंगे और फिर यह मामला एक बार कई महीनों के लिए लटक जाएगा। अब देखना है कि प्रदेश सरकार क्या नवंबर में आयोजित होने वाले इन्वेस्टर मीट तक सिरमौर के स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिप्टी कमिश्नर जीडी ठाकुर को नीलामी तक सिरमौर में रखती है या 19 सितंबर के बाद नाहन से रिलीव कर मुख्यालय शिमला भेजती है।

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