जल्द बारिश नहीं हुई तो खराब हो सकती हैं फसलें
संवाद सूत्र, नैनाटिक्कर : बारिश न होने से पच्छाद के ग्रामीण इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए
संवाद सूत्र, नैनाटिक्कर : बारिश न होने से पच्छाद के ग्रामीण इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। एक महीने से बारिश की आस में बैठे किसानों को निराशा हाथ लग रही है। गेहूं, सरसों आदि फसलें इससे प्रभावित हो रही हैं। लहसुन, मटर और आलू जैसी फसलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। किसानों के मुताबिक बारिश न होने के कारण इन नकदी फसलों को नुकसान हो रहा है। उधर, नदी-नालों में जलस्तर दिनोंदिन घटता जा रहा है। प्राकृतिक जलस्रोत भी सूखने लगे हैं। मौसम विभाग भी अगले सात दिन तक मौसम साफ रहने की बात कर रहा है, जिससे किसानों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। इसका असर गर्मियों में भी पड़ेगा। वहीं, कई ग्रामीण इलाकों में पेयजल का संकट गहराने लगा है। पच्छाद तहसील के घिन्नीघाड़ तथा धारटीधार क्षेत्र में सूखे का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। इन इलाकों में अगले कुछ दिन में पेयजल संकट विकराल रूप ले सकता है। यहा पर गेहूं की फसल सूखे की चपेट में आ चुकी है। आधे से ज्यादा गेहूं का बीज नमी न मिलने के कारण खराब हो गया है और जो बीज उग आया है वो पानी न मिलने के कारण बढ़ोतरी ही नहीं कर पा रहा है। बहरहाल किसान बादलों की ओर टकटकी लगाए हैं तथा बारिश होने की उम्मीद लगाए हुए हैं।