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घोषणा से बाहर नहीं निकला ट्रॉमा सेंटर

देश के पिछड़े जिलों में शुमार जिला सिरमौर में आने वाले भाजपा और कांग्रेस के नेता कोरी घोषणाएं कर चले जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:29 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:44 AM (IST)
घोषणा से बाहर नहीं निकला ट्रॉमा सेंटर
घोषणा से बाहर नहीं निकला ट्रॉमा सेंटर

राजन पुंडीर, नाहन

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देश के पिछड़े जिलों में शुमार सिरमौर में नेता कोरी घोषणाएं कर चले जाते हैं। ऐसी कई घोषणाएं हैं, जो दशकों से आज तक पूरी नहीं हुई। जिला सिरमौर में न तो रेल पहुंची, न ही जिला के ट्रांसगिरी को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिला, न ही यहां पर सड़कों की हालत सुधरी और न ही यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ। केवल जिला सिरमौर को एक मेडिकल कॉलेज केंद्र सरकार ने दिया है, जो डॉक्टरों व भवन की कमी से जूझ रहा है।

दो वर्ष पूर्व पांवटा साहिब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने पांवटा साहिब के लिए ट्रॉमा सेंटर देने की घोषणा की थी, जो आज तक पूरी नहीं हुई। जिला सिरमौर का पांवटा साहिब उपमंडल मैदानी क्षेत्र है। यहां अकसर सड़क हादसे होते हैं। ऐसे में ट्रॉमा सेंटर खुलने से घायलों को समय पर बेहतर उपचार मिल सकता है। पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने दो वर्ष पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से पांवटा साहिब में वाहन दुर्घटनाओं को देखते हुए ट्रॉमा सेंटर खोलने की मांग की थी। जनसभा में नड्डा ने पांवटा साहिब में ट्रॉमा सेंटर खोलने की घोषणा की थी। फाइलों में घूम रहा ट्रॉमा सेंटर

केंद्र सरकार ने वाहन हादसों के दृष्टिगत देशभर के कई जिलों में टाइप थ्री ट्रॉमा सेंटर खोलने की घोषणा की थी। इनमें जिला सिरमौर मुख्यालय नाहन स्थित क्षेत्रीय अस्पताल भी शामिल था, लेकिन 2016 में जब क्षेत्रीय अस्पताल मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित हुआ तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने टाइप टू ट्रॉमा सेंटर की मांग केंद्र सरकार से की, जो आज तक पूरी नहीं हुई। नाहन मेडिकल कॉलेज को मिलने वाला ट्रॉमा सेंटर शिमला और दिल्ली सचिवालय की फाइलों में ही घूम रहा है।

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पिछले साल 262 हादसे

वर्ष 2018 में जिला सिरमौर में 262 हादसे हुए। इनमें आधे से अधिक पांवटा उपमंडल में ही हुए। इन 262 दुर्घटनाओं में 102 लोगों की मौत हुई। साथ ही 458 लोग घायल हुए। पांवटा साहिब उपमंडल में एक माह में 15 से 20 सड़क हादसे होते हैं।

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पांवटा साहिब के लिए ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई थी, लेकिन अब ट्रॉमा सेंटर की जगह प्रदेश सरकार ने पांवटा साहिब सिविल अस्पताल को 200 बिस्तर, डायलिसिस सेंटर सुविधा देने और 24 डॉक्टरों के पद भरने की घोषणा की है। अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। यहां पर वाहन दुर्घटना के घायलों को ट्रॉमा सेंटर जैसे ही सुविधा उपलब्ध होगी।

-सुखराम चौधरी, विधायक पांवटा साहिब।

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केंद्र व प्रदेश सरकार ने पांवटा साहिब की जनता को कोरी घोषणाएं कर छला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पांवटा साहिब के लिए ट्रॉमा सेंटर देने की घोषणा की थी, जो आज तक पूरी नहीं हुई।

-करनेश जंग, पूर्व विधायक पांवटा साहिब।

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नाहन मेडिकल कॉलेज के लिए टाइप टू ट्रॉमा सेंटर की मांग की गई है। टाइप टू ट्रॉमा सेंटर में टाइप थ्री ट्रॉमा सेंटर की तुलना में आधुनिक सुविधाएं होती हैं। सेंटर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा बजट उपलब्ध करवाया जाता है। नाहन ट्रॉमा सेंटर का मामला केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है।

-डॉ. डीडी शर्मा, एमएस, डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन।


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