हादसे का सबब बन सकता है देवथल पुल
अनुराधा अत्री, नैनाटिक्कर जिला सिरमौर की पच्छाद तहसील की 10 पंचायतों को जिला सोलन तथा उपमण्डल
अनुराधा अत्री, नैनाटिक्कर
जिला सिरमौर की पच्छाद तहसील की 10 पंचायतों को जिला सोलन तथा उपमण्डल राजगढ़ व उपतहसील नारग को जोड़ता नैनाटिक्कर-डिलमन औच्छघाट सम्पर्क मार्ग पर बना देवथल पुल कभी भी कहर बरपा सकता है। लगभग चार दशक पहले बने इस पुल की जर्जर हालत पूरे क्षेत्र के सम्पर्क को कभी भी तोड़ सकता है। जानकारी के मुताबिक अगस्त 2015 में इस पुल की नींव में पानी घुस जाने के बाद इस पुल से भारी वाहनों का गुजरना वर्जित कर दिया गया है। पुल के जिस हिस्से में पानी घुसा था, उसकी मरम्मत कर दी गई है, मगर पुल से यातायात सुरक्षित रहे, इसके लिए नौ टन से ज्यादा वजनी वाहनों के गुजरने को वर्जित कर दिया है। यह देवथल पुल पच्छाद तहसील की 10 पंचायतों की 20 हजार आबादी को जिला सोलन तथा जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के ग्रामीण इलाकों से जोड़ता है। पुल की दशा को देखते हुए इसके पुन निर्माण की आवश्यकता है। डिलमन पंचायत की प्रधान पूनम ठाकुर, पूर्व बीडीसी सदस्य जगदीश चन्द, पूर्व बीडीसी उपाध्यक्ष पच्छाद विष्णु दत भारद्वाज, स्थानीय लोग हरकेश, राजेन्द्र, इन्द्र सिंह, कमलेश, हरकेश कुमार, रोशन लाल तथा पंचायत उप प्रधान डिलमन देवराज, उपप्रधान नैनाटिक्कर मदन सिंह इत्यादि का कहना था कि इस पुल को आज की यातायात क्षमता के हिसाब से दोबारा से बनाया जाना चाहिए। पुल से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों के अलावा 10 यात्री बसें आर-पार आती जाती है। यह पुल शराब फैक्टरी तथा स्टोन क्रसरों के भारी वाहनों का बोझ भी ढोने को भी मजबूर है। उधर, लोक निर्माण विभाग के एसई महेश सिंगल ने बताया कि पुल को नौ टन से ज्यादा वजनी वाहनों के लिए वर्जित किया गया है। पुल के दोनों ओर चेतावनी बोर्ड़ इस बावत लगाये गये है। उन्होंने माना कि पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी मरम्मत कर दी गई थी।