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Himachal By Election: मुख्‍यमंत्री पच्‍छाद में डटे, सड़क पर रुककर भरा कार्यकर्ताओं में जोश, पढ़ें पूरी खबर

Himachal By Election पच्छाद उपचुनाव में मोर्चे पर डटे सरकार के मंत्रियों के बीच अब मुख्यमंत्री भी प्रचार में जुट गए हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:48 PM (IST)
Himachal By Election: मुख्‍यमंत्री पच्‍छाद में डटे, सड़क पर रुककर भरा कार्यकर्ताओं में जोश, पढ़ें पूरी खबर
Himachal By Election: मुख्‍यमंत्री पच्‍छाद में डटे, सड़क पर रुककर भरा कार्यकर्ताओं में जोश, पढ़ें पूरी खबर

नाहन, जेएनएन। पच्छाद उपचुनाव में मोर्चे पर डटे सरकार के मंत्रियों के बीच अब मुख्यमंत्री भी प्रचार में जुट गए हैं। सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट को जीतने के लिए मुख्यमंत्री वोटरों के बीच पहुंच रहे हैं। बुधवार सुबह ही मुख्यमंत्री राजगढ़ से खैरी पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। यहां चार से पांच मिनट सड़क पर रुककर कार्यकर्ताओं में जोश भरा। इसके बाद वह मच्छेर होते हुए सीधे बडू साहिब पहुंचे। यहां उन्होंने गुरुद्वारा में शीश नवाया। सीएम आज दोपहर बाद हरियाणा में रैली के बाद दोबारा पच्‍छाद लौटेंगे। यहां उनका दो दिन और प्रचार करने का कार्यक्रम बताया जा रहा है।

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पिछले दो सप्ताह से कई मंत्री पच्छाद में डोर-टू-डोर प्रचार में जुटे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री के प्रचार में कूदते ही मुकाबला और भी रोचक हो गया है। भाजपा से बागी हुई दयाल प्यारी कश्यप ने मुकाबले को त्रिकोणीय किया है। हालांकि, पच्छाद उपचुनाव में पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों के अलावा तीन निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा से बागी हुई दयाल प्यारी के मैदान में उतरने के बाद ही यह सीट भाजपा के लिए साख का सवाल बनी हुई है।

राजगढ़ में मंगलवार को हुई सीएम की चुनावी जनसभा में जयराम समेत अन्य मंत्रियों ने विपक्ष पर जरूर तीखे हमले बोले, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी का नाम तक नहीं लिया। भाजपा के लिए इस सीट पर हैट्रिक का दबाव है। साल 2012 व 2017 में लगातार दो बार भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी कर चुनाव जीते। तीसरी बार भी भाजपा इस सीट को हर हाल मे जीतना चाहती है। इसके लिए न केवल पूरा मंत्रिमंडल पच्छाद में डटा है। बल्कि, अब सीएम ने स्वयं भी मोर्चा संभाल लिया है। बहरहाल, पच्छाद में त्रिकोणीय हुए इस मुकाबले के बीच भाजपा के लिए सीट जीतना सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। वहीं, पिछले दो विस चुनाव में लगातार हार का सामना कर चुके जीआर मुसाफिर भी हार की हैट्रिक से बचना चाहते हैं। इस बार उनकी साख भी दांव पर लगी है।


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