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ब्रेन बुक से पता चलेगा विद्यार्थी किस तरह की पढ़ाई में होगा दक्ष, 39 गुणों की जानकारी प्रदान करेगी यह तकनीक

Sirmaur News सिरमौर में नौरंगाबाद राजकीय उच्च विद्यालय के छात्रों ने डर्मेटोग्ली फिक्स (डीएमआइटी) ब्रेन बुक तकनीक का सफल परीक्षण किया है। यह तकनीक विद्यार्थी के 39 गुणों की जानकारी प्रदान करता है। विद्यार्थी किस तकनीक से सुगमता से सीख सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sun, 28 May 2023 01:10 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 01:10 PM (IST)
ब्रेन बुक से पता चलेगा विद्यार्थी किस तरह की पढ़ाई में होगा दक्ष, 39 गुणों की जानकारी प्रदान करेगी यह तकनीक
ब्रेन बुक से पता चलेगा विद्यार्थी किस तरह की पढ़ाई में होगा दक्ष

नाहन, राजन पुंडीर: जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले नौरंगाबाद राजकीय उच्च विद्यालय के छात्रों ने डर्मेटोग्ली फिक्स (डीएमआइटी) ब्रेन बुक तकनीक का सफल परीक्षण किया है। यह तकनीक विद्यार्थी के 39 गुणों की जानकारी प्रदान करता है।

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इस तकनीक से यह भी पता लगाया जा सकता है कि विद्यार्थी किस तकनीक से सुगमता से सीख सकते हैं। इस तकनीक से हिमाचल में पहली बार विद्यार्थियों की परिवारिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक, वौहिक व स्वभाविक दक्षता का आंकलन वैज्ञानिक आधार पर किया जाएगा।

ब्रेन बुक का सफल परीक्षण किया

नौरंगाबाद स्कूल के विद्यार्थियों ने मुख्य अध्यापक डॉ. संजीव अत्री के नेतृत्व में ब्रेन बुक का सफल परीक्षण किया। डर्मेटोग्ली फिक्स प्रशिक्षण तकनीक के दौरान विद्यार्थी के हाथों की उंगलियों के फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। इन फिंगरप्रिंट्स को एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्लेषण करके डर्मेटोग्ली फिक्स रिपोर्ट तैयार की जाती है। यह रिपोर्ट 31 से 51 पेजों की होती है। जिसमें यह पता चलता है कि विद्यार्थी को अभिभावकों से कितना आई क्यू प्राप्त हुआ है। उसका अपना आई क्यू कितना प्रतिशत है।

सफलता और असफलता की प्रतिशतता कितनी हो सकती है

व्यक्तित्व के चार मुख्य प्रकारों में ऑल, ईगल, डव व पीकॉक हैं। बच्चे का प्राथमिक व द्वितीय व्यक्तित्व कौन हैं, बच्चे को अभिभावकों से कितना प्रतिशत आई क्यू प्राप्त हुआ है। साथ में यह भी पता चलता है कि बच्चा किस व्यवसाय में कितना सफल हो सकता है। वह किस सहभागी गतिविधि में सर्वाधिक सफल तथा किस में सबसे कम सफल हो सकता है। सफलता और असफलता की प्रतिशतता कितनी हो सकती है।

बच्चों का दाया और बाया कौन सा दिमाग ज्यादा क्रियाशील

मुख्य अध्यापक डॉ. संजीव अत्री ने बताया कि इस तकनीक से अध्यापकों को विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए कौन सी नीति अपनानी चाहिए यह भी जानकारी मिल रही है। यह तकनीक स्पष्ट रूप से बताती है कि बच्चों का दाया और बाया कौन सा दिमाग ज्यादा क्रियाशील है। उसके व्यक्तित्व की क्रियाशीलता पर इसका कितन प्रभाव पड़ता है। विद्यालय के मुख्य अध्यपक डॉ संजीव अत्री ने बताया कि उन्होंने यह तकनीक अपने जापान दौरे के दौरान वहां के स्कूलों में देखी थी।

वहां के स्कूलों से प्रेरित होकर अपने स्कूल के 2 शिक्षकों तथा 3 विद्यार्थियों पर इस तकनीक का सफल परीक्षण किया है। डॉ संजीव अत्री ने बताया कि इस तकनीक पर करीब 40 हजार रूपए का खर्च आया है। इसके लिए उन्होंने अहमदाबाद की एक विदेशी कंपनी से प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण पास करने के बाद अब यह स्कूल में शुरू किया है, इसे ब्रेन बुक का नाम दिया गया है।


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