Move to Jagran APP

पच्छाद में भाजपा को पार लगा गया क्षेत्रवाद का नारा

जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक बनाई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 06:40 AM (IST)
पच्छाद में भाजपा को पार लगा गया क्षेत्रवाद का नारा
पच्छाद में भाजपा को पार लगा गया क्षेत्रवाद का नारा

जागरण संवाददाता, नाहन : जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत का स्वाद चखा। इस जीत में क्षेत्रवाद की राजनीति भी हावी रही। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र को गिरी नदी दो भागों में बांटती है। इसमें एक गिरीआर और दूसरा गिरीपार क्षेत्र है। गिरीआर में सराहां व पच्छाद का क्षेत्र आता है, जबकि गिरीपार में राजगढ़। पहली बार भाजपा ने गिरीपार क्षेत्र को प्रत्याशी दिया। इससे पहले हमेशा कांग्रेस व भाजपा ने गिरीआर से उम्मीदवार मैदान में उतारे। इस उपचुनाव में राजगढ़ उपमंडल में गिरीपार का नारा लगा, वहीं राजगढ़ क्षेत्र के लोगों ने मतदान में भी पहली बार एकजुटाता दिखाई। गिरीपार के पझौता क्षेत्र से भाजपा की बढ़त का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अंतिम राउंड तक चलता रहा।

loksabha election banner

पच्छाद हलके के 113 पोलिग बूथों में से 51 बूथ गिरीपार-राजगढ़ क्षेत्र और 62 बूथ सराहां-पच्छाद क्षेत्र के हैं। राजगढ़ उपमंडल की 30 पंचायतें, जो गिरीपार क्षेत्र में आती हैं, में भाजपा ने यह भी नारा दिया कि पहली बार जब सत्ताधारी दल से प्रत्याशी बनाया गया है तो उसे जीताकर विधायक भी बनाओ। इसी के चलते गिरीपार क्षेत्र से भाजपा के पक्ष में जनता ने एकतरफा मतदान किया। अब रीना कश्यप के लिए सबसे बड़ी चुनौती गिरिपार को केंद्र सरकार से जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिलाना होगा। भाजपा गिरीपार को वर्षो से जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने के लिए प्रयासरत है। अगले तीन साल में रीना गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिलाने में कितना सहायक सिद्ध होती हैं, यह तो समय ही बताएगा।

मुसाफिर ने आखिरी चुनाव कह कर मांगे थे वोट

उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गंगूराम मुसाफिर में जनता से यह कहकर भी वोट मांगे कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वह हार कर नहीं, जीतकर राजनीति छोड़ना चाहते हैं। पच्छाद की जनता उन्हें एक मौका अवश्य दे, क्योंकि उन्होंने 35 वर्ष तक क्षेत्र की सेवा की है। बावजूद इसके पच्छाद की जनता ने उन्हें एक बार फिर से नकार दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.