Move to Jagran APP

सिरमौर के तीन उपमंडलों में फायर स्टेशन की दरकार

जिला सिरमौर के छह उपमंडलों में से केवल तीन में ही फायर स्टेशन स्थापित

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 05:35 PM (IST)
सिरमौर के तीन उपमंडलों में फायर स्टेशन की दरकार
सिरमौर के तीन उपमंडलों में फायर स्टेशन की दरकार

राजन पुंडीर, नाहन

loksabha election banner

जिला सिरमौर के छह उपमंडलों में से केवल तीन में ही फायर स्टेशन स्थापित हुए हैं। जिला सिरमौर के नाहन, पांवटा साहिब व शिलाई उपमंडल में फायर स्टेशन हैं, जबकि राजगढ़, संगड़ाह व पच्छाद उपमंडल में फायर स्टेशन नहीं हैं।

नाहन उपमंडल के औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भी फायर स्टेशन स्थापित किया गया है। संगड़ाह उपमंडल के लिए नाहन फायर स्टेशन सबसे नजदीक पड़ता है, लेकिन नाहन से संगड़ाह की दूरी 60 किलोमीटर है। जबकि राजगढ़ उपमंडल के लिए सोलन फायर स्टेशन नजदीक पड़ता है। राजगढ़ से सोलन की दूरी 45 किलोमीटर और नाहन से राजगढ़ 100 किलोमीटर दूर है। जबकि पच्छाद उपमंडल मुख्यालय सराहां से नाहन की दूरी 40 किलोमीटर और सोलन की दूरी 50 किलोमीटर है।

सराहां, राजगढ़ व संगड़ाह क्षेत्र में अग्निकांड होने पर सोलन व नाहन से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मंगवाई जाती हैं, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है। कुछ दिन से संगड़ाह व राजगढ़ उपमंडल में अग्निकांड की कई घटनाएं हुई हैं। ऐसा नहीं है कि लोगों ने सरकार से फायर स्टेशन खोलने की मांग नहीं की, लेकिन आगे सुनवाई नहीं हुई। 40 से 90 किलोमीटर की दूरी में फायर की गाड़ी आने में करीब दो से तीन घंटे का समय लग जाता है। जिला सिरमौर के उपायुक्त डा. आरके परूथी ने बताया कि राजगढ़ में फायर स्टेशन खोलने के प्रयास किए गए थे। मुख्यमंत्री से राजगढ़, संगड़ाह व सराहां में फायर स्टेशन खोलने का आग्रह किया जाएगा।

------

आग से बचाव की दी जानकारी

संवाद सहयोगी, रिकांगपिओ : अग्निशमन विभाग की ओर से 14 से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सप्ताह मनाया जा रहा है। उप अधीक्षक अग्निशमन केंद्र रिकांगपिओ मनसा राम ने बताया कि इस दौरान लोगों को विभाग के कर्मचारियों की ओर से आग से बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। 19 अप्रैल को कल्पा, निचार, मूरंग में आग से बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे घरों, दुकानों व कार्यालय के निकट कूड़ा न जलाएं और पूजा-अर्चना करते समय धूप, आगरबत्ती जलाते समय सावधानी बरतें। बिजली बोर्ड के पास कपड़े, कागज व लकड़ी आदि न रखें। बिजली के एक प्वांइट से एक से ज्यादा कनेक्शन न चलाएं और बिजली के आइएसआइ मार्क उपकरणों का प्रयोग करें।

मनसा राम ने बताया कि समय-समय पर बिजली की वायरिंग की जांच सुनिश्चित बनाएं। घरेलू गैस सिलेंडर लेते समय व उपयोग के समय गैस की लीकेज व वॉशल को अवश्य चेक करें। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जंगल में आग न जलाएं, बीड़ी-सिगरेट को जलते हुए न फेंकें। जहां से बिजली के तार गुजर रहे हों, वहां घास आदि जमा न करें। उन्होंने कहा कि कई लोग जानबूझकर जंगलों में आग लगाते हैं, जिसका पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.