बेरोजगारी के विरोध में युकां कार्यकर्ताओं ने किए बूट पॉलिश, पकौड़े भी बेचे; एनआरयू के लिए टॉल फ्री नंबर
Youth Congress Workers Polish Shoes देश में बेरोजगारी की समस्या के मुद्दे को लेकर प्रदेश युवा कांग्रेस ने शिमला में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
शिमला, जागरण संवाददाता। देश में बेरोजगारी की समस्या के मुद्दे को लेकर प्रदेश युवा कांग्रेस ने शिमला में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर की अध्यक्षता में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लिफ्ट पार्किंग के समीप कार्ट रोड पर सांकेतिक तौर पर जूते पॉलिश किए और पकौड़े भी बेचे। मनीष ठाकुर ने कहा पिछले पांच सालों में देश में बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा पांच सालों में पांच करोड़ से ज्यादा युवाओं का रोजगार छिना है।
इस प्रदर्शन में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। इससे पहले प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए युवा कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाकर जनता को भावनात्मक मुद्दों की ओर धकेल रही है। देश को इस वक्त सीएए और एनआरसी की जरूरत नहीं है। जरूरत एनआरयू यानी राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर की है। इस रजिस्टर के जरिए पता लग सकेगा कि देश में वास्तव में कितने बेरोजगार हैं।
बेरोजगारी रजिस्टर की मांग के लिए टॉल फ्री नंबर जारी
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने कहा एनआरयू यानी राष्ट्रीय बेरोजगारी रजिस्टर की मांग को लेकर पार्टी ने टॉल फ्री नंबर 8151994411 जारी किया है। एक सप्ताह तक यह अभियान चलेगा। इसमें युवा कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों से अपील करेंगे कि बेरोजगारी रजिस्टर की मांग को लेकर इस नंबर पर वह मिस्ड कॉल करें। हिमाचल से कितने लोग बेरोजगारी रजिस्टर का समर्थन करते हैं। इसका पूरा आंकड़ा केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
रोजगार मिलना तो दूरी उलटा छिन रहा
युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने कहा देश का युवा रोजगार के लिए भटक रहा है, लेकिन उसके लिए कोई रोजगार नहीं है। केंद्र में नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन रोजगार मिलना तो दूर, उलटा रोजगार छिन रहा है। उन्होंने कहा कि महंगाई के चरम पर पहुंचने के कारण बेरोजगारों की हालत और दयनीय हो गई है और वे आत्महत्या करने को मजबूर हैं।