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कुश्ती खली की, नूराकुश्ती कुर्सियों के बिल पर

नहीं हुआ करीब पांच लाख रुपये के बिल का भुगतान, अब खेल निदेशालय पहुंचे किराये के दो बिल।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 12:02 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 12:05 PM (IST)
कुश्ती खली की, नूराकुश्ती कुर्सियों के बिल पर
कुश्ती खली की, नूराकुश्ती कुर्सियों के बिल पर

शिमला, रविंद्र शर्मा। मंडी व सोलन जिलों में पिछले महीने हुए कॉंटिनेंटल रेसलिंग इंटरटेनमेंट (सीडब्ल्यूई) द ग्रेट खली शो पहले ही विवाद में रहे। अब इन शो से जुड़ा नया मामला उजागर हुआ है। शो के दौरान दर्शकों के लिए लगाई कुर्सियों का किराया करीब पांच लाख रुपये बना। किराये का भुगतान नहीं हुआ तो दो बिल युवा सेवाएं एवं खेल निदेशालय शिमला भेज दिए गए।

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मंडी व सोलन में हुए कळ्श्ती के आयोजन के लिए कुर्सियों का किराया करीब ढाई-ढाई लाख रुपये है। इसके बिल दोनों जिलों के प्रशासन ने जिला खेल अधिकारी को थमा दिए। खेल अधिकारियों ने बिलों को युवा सेवाएं एवं खेल निदेशालय को यह कहकर भेज दिया कि उनके पास इनके भुगतान की मंजूरी नहीं है। बिल मिलते ही निदेशालय में अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने शुरू हो गए हैं। अहम सवाल यह है कि जब सरकार ने शो नहीं करवाए तो निदेशालय के पास बिल क्यों पहुंचे? इससे पहले इन शो का विरोध करने का खामियाजा एक अधिकारी को भुगतना पड़ा था।

उसका विभाग छीनकर तबादला कर दिया गया था। शो का आयोजन वल्र्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) से ख्यातिप्राप्त सिरमौर जिला के घिराईना निवासी रेसलर दलीप सिंह राणा ने किया था। मंडी में यह शो चार जुलाई को जबकि सोलन में सात जुलाई को हुआ था।

सीडब्ल्यूई द ग्रेट खली शो निजी कार्यक्रम था। इसमें लगाई गई कुर्सियों के बिल निदेशालय के पास आए हैं। इस पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। प्रदेश सरकार से चर्चा करने के बाद बिलों का भुगतान करने या न करने का निर्णय लिया जाएगा।

-दिनेश मल्होत्रा, सचिव, युवा सेवाएं एवं खेल 

शो के दौरान कुर्सियों का प्रबंध जिला प्रशासन ने किया था। हमारी कंपनी से जुड़े किसी भी व्यक्ति ने कुर्सियों की बुकिंग नहीं करवाई थी। इस मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। 

-दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली

सरकार ने आयोजन से पीछे खींचे थे हाथ 

द ग्रेट खली शो के आयोजन के दौरान प्रदेश सरकार की पहले भी किरकरी हो चुकी है। आनन-फानन में प्रदेश सरकार ने खली के शो का पूरा खर्च उठाने का दावा किया था। खेल परिषद के माध्यम से इसका आयोजन करवाने की बात कही थी। इस मामले में किरकरी होने के बाद प्रदेश सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए थे क्योंकि खेल विभाग की खेलों की सूची में यह शो कहीं फिट नहीं हो रहा था।

सरकार के पास जाएगा मामला

शो के बाद टेंट हाउस संचालकों ने कुर्सियों के किराये का बिल थमाया। मंडी व सोलन के उपायुक्तों ने जिला खेल अधिकारी को इनका भुगतान करने के लिए कहा। उन्होंने भुगतान करने से यह कहकर इन्कार कर दिया कि उन्हें ऐसे निर्देश नहीं हैं। इस कारण खेल अधिकारियों ने इन बिलों को भुगतान के लिए निदेशालय में भेज दिया। निदेशालय से अब यह मामला प्रदेश सरकार के पास जाएगा।


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