विश्व बैंक ने 11 स्थानों पर मंडियों का निर्माण कार्य रोका
विश्व बैंक ने बागवानी प्रोजेक्ट के तहत मंडियों के निर्माण कार्य को 11 स्थानों पर रोक दिया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : विश्व बैंक ने बागवानी प्रोजेक्ट के तहत मंडियों के निर्माण कार्य को 11 स्थानों पर रोक दिया है। इस कारण मंडियों का निर्माण कार्य लटक गया है। करोड़ों रुपये जारी होने के बाद उसे खर्चने में नाकाम रहने पर विश्व बैंक हिमाचल से नाराज है। इस कारण प्रोजेक्ट के कार्यो को रोक दिया है।
जयराम सरकार करीब 11 महीने के दौरान अभी तक कृषि मार्केटिंग बोर्ड निदेशक मंडल का गठन नहीं कर सकी है। कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में भी अभी तक चेयरमैन तैनात नहीं हो सके हैं। निदेशक मंडल का गठन न होने के कारण बागवानी प्रोजेक्ट के तहत विश्व बैंक द्वारा मार्केटिंग बोर्ड के लिए दिए गए 190 करोड़ की राशि का आवंटन ही नहीं हो सका है। कृषि मार्केटिंग बोर्ड द्वारा कोई भी राशि तभी जारी की जा सकती है जब उसे निदेशक मंडल की बैठक में मंजूरी प्रदान की जाए। प्रदेश की दस एपीएमसी में से तीन में अभी तक चेयरमैन ही नहीं तैनात किए गए हैं। इन दस एपीएमसी के चेयरमैन में से दो की नियुक्ति प्रदेश कृषि मार्केटिंग बोर्ड निदेशक मंडल के सदस्य के लिए की जाती है। प्रदेश में कुल 49 मंडियां हैं जिनमें किसानों के उत्पादों को बेचने की व्यवस्था है। विश्व बैंक ने जो राशि मंडियों के लिए प्रदान की है, उसमें फेब्रिकेटिड निर्माण का प्रावधान है जबकि कृषि विभाग सीमेंट व सरिये से पक्का निर्माण करवाने के पक्ष में है। हालांकि निर्माण कार्य रुका हुआ है।
विश्व बैंक ने 11 स्थानों पर मंडियों का निर्माण कार्य रोक दिया है। इस संबंध में सोमवार को विश्व बैंक की टीम के समक्ष मामला उठाया गया है। मार्केटिंग बोर्ड निदेशक मंडल का गठन नहीं हो सका है। इस कारण राशि का आवंटन नहीं हुआ है।
रामलाल मार्कंडेय, कृषि मंत्री