सरकार की नीतियों से बिगड़ रही अर्थव्यवस्था
रामपुर में ट्रेड यूनियनों ने सरकार के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को रामपुर में केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को रामपुर में केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। ट्रेड यूनियनों और औद्योगिक फेडरेशनों के आह्वान पर आठ और नौ जनवरी को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई।
श्रमिक संगठन सीटू, एटक, एलआइसी एवं स्वतंत्र फेडरेशनों व एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं सहित परियोजना, स्वास्थ्य सेवा, लोक निर्माण विभाग, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, दूरसंचार, सेवा क्षेत्र, सार्वजनिक परिवहन से संबंधित कर्मचारियों ने रैली निकाली। कालेज गेट से रामपुर बाजार से होते हुए एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली और वहां सभा की। मुख्य वक्ता बिहारी सेवगी ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की जन विरोधी, मजदूर विरोधी नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है।
इनकी मांग है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये देना व मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ना, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली को खत्म किया जाए, उच्चतम न्यायालय के अनुसार समान काम का समान वेतन दिया जाए, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन वापस लिए जाएं, रोजगार की अधिसूचना को तुरंत वापस लेना, आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स, मिड-डे मील व आशा वर्कर्स को तृतीय श्रेणी कर्मचारी बनाया जाए, सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, पेंशन लाभ मिले। सार्वजनिक क्षेत्र जैसे बैंक, बीमा, बीएसएनएल, रक्षा, बिजली, रेलवे आदि का विनिवेश व निजीकरण न हो, 45 दिन के अंदर ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए, मनरेगा मजदूरों को 120 दिन का काम दिया जाए, भविष्य निधि के भुगतान व पात्रता की सभी ऊपरी सीमाओं को हटाए जाएं आदि मांगें उठाई हैं। इस दौरान बिहारी सेवगी, कुलदीप सिंह, बीएस चौहान, विशेषर मेहता ने भी रैली को संबोधित किया।