Move to Jagran APP

तीन में से दो गुटों ने नहीं मनाया राज्यस्तरीय समारोह

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सरकार समर्थक तीन में से दो धड़ों ने स्था

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:13 PM (IST)
तीन में से दो गुटों ने नहीं मनाया राज्यस्तरीय समारोह
तीन में से दो गुटों ने नहीं मनाया राज्यस्तरीय समारोह

राज्य ब्यूरो, शिमला : अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सरकार समर्थक तीन में से दो धड़ों ने स्थापना दिवस पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित नहीं किए। केवल विनोद गुट ने चंबा में राज्यस्तरीय कार्यक्रम रखा। इनमें शामिल कर्मचारी नेताओं ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। चेतावनी दी कि कर्मचारी तबके की अनदेखी मत करो, नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहो। वर्ष 1966 में 20 नवंबर के दिन महासंघ की स्थापना हुई थी।

loksabha election banner

उधर, महासंघ के अश्वनी गुट ने वर्चुअल माध्यम से जिलों, ब्लॉकों में कार्यक्रम आयोजित किए। इनके जरिये कर्मचारियों को एकजुट रहने का संदेश दिया, जबकि टीम एनआर ठाकुर ने 117 यूनिटों में कार्यक्रम करवाने का दावा जताया। कर्मचारी नेताओं में इस बात पर रोष दिखा कि सरकार तीन साल के अंदर एक भी गुट को मान्यता नहीं दे पाई है। उन्होंने कहा कि जबसे संगठन की स्थापना हुई, तब से ही गुटों का अस्तित्व रहा, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब इसके बहाने संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की एक भी बैठक नहीं हुई। इस कारण सरकार पर कोई दबाव नहीं रह पाया।

-------

पिछली सरकार में दो साल नहीं मिली थी मान्यता

पूर्व कांग्रेस सरकार में भी तत्कालीन महासंघ के दो गुटों एसएस जोगटा, सुरिंद्र मनकोटिया के बीच अहम की लड़ाई चलती रही। दो साल तक किसी भी गुट को मान्यता नहीं मिली थी। बाद में तब के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दोनों के बीच सुलह करवाई। मनकोटिया को बाद में कांग्रेस पार्टी का विधायक पद के लिए टिकट मिला। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। अब जोगटा आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हैं। सेवानिवृत्ति के बाद कांग्रेस ने उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी।

------

हमारा चुना हुआ संगठन है। सरकार को इसकी पूरी जानकारी है। इस कारण जल्द मान्यता दें। कर्मचारियों के मुद्दों का जेसीसी बैठक के माध्यम से समाधान होना जरूरी है।

-अश्वनी ठाकुर, अध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, अश्वनी ठाकुर गुट।

------

चंबा में राज्यस्तरीय समारोह में उपायुक्त डीसी राणा ने भी भाग लिया। राज्य सरकार को महासंघ को समझने में तीन साल कैसे लग गए, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। अब देरी नहीं करनी चाहिए, तत्काल जेसीसी की बैठक बुलानी चाहिए।

-विनोद कुमार, अध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, विनोद गुट।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.