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16 दिन में ही सरकार अपने फैसले से पलटी

मंत्रिमंडल की बैठक में भी शंका जाहिर की गई थी कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के मामले में बंदरबांट हुई थी।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 12:24 PM (IST)
16 दिन में ही सरकार अपने फैसले से पलटी
16 दिन में ही सरकार अपने फैसले से पलटी

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार अपने फैसले पर 16 दिन भी नहीं टिक पाई है। कांग्रेस सरकार द्वारा बीमार उद्योगों को दी गई राहत की जांच का ऐलान करने से 16 दिन के भीतर ही प्रदेश सरकार इससे पीछे हट गई है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने करीब दो सप्ताह पहले बीमार उद्योगों के लिए शुरू की गई योजना की विजिलेंस जांच करने का निर्णय लिया था, लेकिन अब पहले विभागीय जांच करवाई जाएगी।

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इस संबंध में उद्योग विभाग को दिशा-निर्देश जारी होंगे। फरवरी अंत में कैबिनेट की बैठक में कांग्रेस सरकार द्वारा बीमार उद्योगों के लिए बनाई इंसेंटिव यानि प्रोत्साहन योजना और गोल्ड रिफाइनरी उद्योगों में अनियमितता का संदेह जताया था, लिहाजा सरकार ने विजिलेंस जांच का आदेश दिया था। लेकिन अब विजिलेंस जांच के बजाए विभागीय जांच करवाई जाएगी। हालांकि उद्योग विभाग इस मामले की विभागीय जांच करवाने के लिए तैयार नहीं है।

बताया जाता है कि इस मामले में सरकार का एक अधिकारी शिकंजे में आ सकता है, लिहाजा उस अधिकारी को बचाने के लिए विजिलेंस जांच अब विभागीय स्तर पर निपटाने का रास्ता निकाला जा रहा है। मंत्रिमंडल की बैठक में भी शंका जाहिर की गई थी कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के मामले में बंदरबांट हुई थी। मामले में उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने माना कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने ऐसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया था। इसमें दो गोल्ड रिफाइनरियां व राज्य के बीमार उद्योग भी शामिल थे।


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