शहर में निजी बसें चलेंगी या नहीं, कल होगा होगा फैसला
शिमला शहर में निजी बसें चलेगी या नहीं इसका फैसला निजी बस आपरेटर बुधवार को बैठक में लेंगे। निजी बस आपरेटरों ने बुधवार को शिमला में बैठक रखी है। यूनियन के पदाधिकारी सभी आपरेटरों के साथ बैठक में चर्चा के बाद ही फैसला लेंगे। सरकार के निर्देशों के अनुसार बसों में 60 प्रतिशत सवारियां ही बैठ पाएगी। ऐसे में बस आपरेटरों का खर्च पूरा हो पाएगा या नहीं इस पर भी विचार किया जाएगा। शिमला शहर में 250 के करीब निजी बसें चलती है। शहर के लोगों के लिए यह परिवहन का सबसे अच्छा साधन भी है। शहर में चलने वाली निजी बसों में अक्सर ओवर लोडिग रहती है। तिल धरने लायक जगह भी इन बसों में नहीं रहती।
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला शहर में निजी बसें चलेगी या नहीं इसका फैसला निजी बस ऑपरेटर बुधवार को बैठक में लेंगे। निजी बस ऑपरेटरों ने बुधवार को शिमला में बैठक रखी है। यूनियन के पदाधिकारी सभी ऑपरेटरों के साथ बैठक में चर्चा के बाद ही फैसला लेंगे। सरकार के निर्देश के अनुसार बसों में 60 फीसद सवारियां ही बैठ पाएगी। ऐसे में बस ऑपरेटरों का खर्च पूरा हो पाएगा या नहीं इस पर भी विचार किया जाएगा। शिमला शहर में करीब 250 निजी बसें चलती हैं। शहर के लोगों के लिए यह परिवहन का सबसे अच्छा साधन है। शहर में चलने वाली निजी बसों में अक्सर ओवर लोडिग रहती है। तिल धरने लायक जगह भी इन बसों में नहीं रहती। यहां तक की बस ऑपरेटर तब तक स्टापिज से बसें आगे नहीं चलाते जब तक बस पूरी तरह नहीं भर जाती। ऐसे में 60 फीसद सवारियों के साथ बसें चलाने आपरेटरों को कितना नुकसान होगा और बसें चलाई जानी है या नहीं इसका निर्णय बैठक में लिया जाएगा। शिमला जिला बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष जय गोपाल ने बताया कि बुधवार को सभी ऑपरेटरों के साथ बैठक रखी गई है। बैठक में विचार विमर्श कर ही निर्णय लिया जाएगा कि शहर में निजी बसें चलानी है या नहीं। उन्होंने सरकार से निजी बस ऑपरेटरों को भी राहत पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निजी करीब दो माह से बसें बंद पड़ी हुई है। बसों की मरम्मत, चालक परिचालक का वेतन सभी जेब से दिया है।