रिपन अस्पताल भवन व बस अड्डे में घुसा बारिश का पानी
राजधानी शिमला में मानसून ने अब कड़े तेवर अपनाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर के नजदीक स्थित राहत होटल के पास एक पेड़ गिरने से सड़क मार्ग बंद हो गया। भारी बारिश के कारण जिला के सभी नदी नाले उफान पर आ गए हैं और जगह जगह भू स्खलन का सिलसिला जारी है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में बरसात ने अब कड़े तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार को हुई बारिश का पानी रिपन अस्पताल में करोड़ों की लागत से बने भवन व अंतरराज्यीय बस अड्डे में जा घुसा। रिपन अस्पताल में मरीजों व स्टाफ को काफी परेशानी हुई तो अड्डे में पानी भरने से बसों का इंतजार कर रहे लोगों को काफी दिक्कतें आई। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर के नजदीक स्थित राहत होटल के पास एक पेड़ गिरने से मार्ग बंद हो गया। इस दौरान दो राहगीर बाल-बाल बच गए। कुछ स्थानों पर पेड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। कई घरों को खतरा पैदा हो गया है, जबकि शिमला सर्कल में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण सात सड़कें बंद पड़ी हुई है। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने शुक्रवार देर शाम तक छह सड़कों को बहाल करने का दावा किया है।
शुक्रवार को मूलसधार बारिश से जिला के सभी नदी नाले उफान मारने लगे हैं। कई जगह भूस्खलन का सिलसिला जारी है। उपनगर संजौली बाजार में सड़क पानी इकट्ठा होने से तालाब में तब्दील हो गई। लोगों को यहां से गुजरना मुश्किल हो गया। ढली-संजौली बाईपास पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा। इसे दो पांच मंजिला भवनों पर खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा लोअर कच्ची घाटी में नाले का पानी घर में घुस गया। यहां एक घर का डंगा गिरने के कगार पर पहुंच चुका है। इससे लोग खतरे के साए में जी रहे हैं और रातें जाग कर गुजार रहे हैं।
जारी रहेगा बारिश का सिलसिला
राजधानी शिमला में बारिश थमने के कोई आसार नहीं है। मौसम विभाग ने शनिवार को भी बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इस दौरान जिला के एक दो स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी भी मौसम विभाग ने जारी की है। बारिश होने से राजधानी के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
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