पांगी में मलबे में दबने से नेपाली की मौत, राहनीनाला में गिरा हिमखंड
प्रदेश में आंधी और ओलावृष्टि से 15 दिनों में 31.50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में बारिश-ओलावृष्टि ने लोगों की समस्या बढ़ा दी है। वीरवार को भी कई जिलों में बारिश हुई। कांगड़ा जिले में भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे गेहूं की तैयार फसल को नुकसान हुआ है। जिला किन्नौर की पांगी पंचायत में वीरवार सुबह पीरी पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मृतक सुभाष नेपाल का रहने वाला था। मलबे से एक घर व सेब के बगीचे को भी नुकसान हुआ है। सुभाष इसी घर में था। वहीं, रोहतांग मार्ग पर राहनीनाला में हिमखंड गिरने से लाहुल जा रहा किसानों व बागवानों का काफिला मढ़ी में घंटों रुका रहा। प्रशासन ने मनाली से गई सभी गाड़ियों को मढ़ी में रोक दिया। बीआरओ ने करीब सात घंटे बाद हिमस्खलन को हटाकर सड़क बहाल की।
वीरवार को प्रदेश के आठ जिलों में बारिश हुई। कांगड़ा में नौ मिलीमीटर, सुंदरनगर में सात, शिमला के जुब्बड़हट्टी में करीब दो मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने पहली मई को प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में एक दो स्थानों पर बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है। कुछ दिन ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। चार मई को प्रदेश के छह जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में 40 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चलने और बारिश व ओलावृष्टि का यलो अलर्ट जारी किया है।
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तापमान की स्थिति डिग्री सेल्सियस में
स्थान,न्यूनतम,अधिकतम
शिमला,13.0,20.6
सुंदरनगर,16.5,30.0
भुंतर,17.6,27.5
कल्पा,8.2,19.4
धर्मशाला,12.6,23.2
ऊना,17.8,36.0
नाहन,20.0,28.5
केलंग,4.6,15.5
सोलन,13.0,27.2 ओलावृष्टि से 15 दिन में बागवानी को 31.50 करोड़ का नुकसान
-कई स्थानों पर आंधी से हुआ फसलों को नुकसान,
-प्रदेश में बागवानी को शिमला में सबसे अधिक नुकसान राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में आंधी और ओलावृष्टि से 15 दिन में 31.50 करोड़ का नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान जिला शिमला में हुआ है। वीरवार को भी सेब के साथ गुठलीदार फलों पलम, खुमानी, बादाम सहित आम और लीची को भी नुकसान हुआ है। बागवानी के साथ ही कृषि को भी करीब 37 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
ताजा ओलावृष्टि से फलदार पौधों के पत्ते तक झड़ गए। कांगड़ा के नूरपुर की चार पंचायतों में ओलावृष्टि ने आम का बौर झाड़ दिया। इसके साथ खड़ी फसलों को भी नुकसान हुआ है। प्रदेश में ओलावृष्टि के कहर के कारण सेब की पैदावार भी प्रभावित हुई है। अधिक नमी के कारण पत्तों की अधिकता और फूलों के कम होने से उत्पादन पहले ही प्रभावित हुआ था और अब तेज हवाओं और ओलावृष्टि के कारण और ज्यादा नुकसान हुआ है।
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बागवानी को कहां कितना नुकसान (हेक्टेयर क्षेत्र) फसल प्रभावित मीट्रिक टन
जिला,बागवान प्रभावित,क्षेत्र,फसल प्रभावित,नुकसान लाखों रुपये में
शिमला,10718,6817,10066,1663.80
कुल्लू,6678,2157,3443,972.17
मंडी,9752,3707,1204,301.00
कांगड़ा,120,150,120,80.00
ऊना,150,95,130,60
सिरमौर,632,750,440,44.00
हमीरपुर,2202,170,184,29.42
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प्रदेश में आंधी और ओलावृष्टि के कारण 15 दिन में करोड़ों का नुकसान हुआ है। फल उत्पादन का लक्ष्य भी प्रभावित होगा। सेब के साथ अन्य फलों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान की रिपोर्ट सरकार को दे दी है।
-मदन मोहन शर्मा, निदेशक बागवानी विभाग।