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हिमाचल में फिर ओलावृष्टि और बर्फबारी की चेतावनी, ठंड का प्रकोप जारी

हिमाचल में 14 मार्च को ओलावृष्टि व बर्फबारी की चेतावनी जारी की है बुधवार को भी बादल छाए रहे। इस कारण प्रदेशभर में ठंड का प्रकोप जारी रहा।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 09:21 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 09:21 AM (IST)
हिमाचल में फिर ओलावृष्टि और बर्फबारी की चेतावनी, ठंड का प्रकोप जारी
हिमाचल में फिर ओलावृष्टि और बर्फबारी की चेतावनी, ठंड का प्रकोप जारी

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 14 मार्च को ओलावृष्टि व बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने वीरवार को मैदानी क्षेत्रों में ओलावृष्टि और मध्यम व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बर्फबारी की संभावना जताई है। प्रदेश में बुधवार को बादल छाए रहे। इस कारण प्रदेशभर में ठंड का प्रकोप जारी रहा।

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राजधानी शिमला, सोलन सहित अन्य पहाडी क्षेत्रों में ठंडी हवा ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। बुधवार को कई स्थानों पर हल्की बूंदाबादी व पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई। मौसम विभाग के अनुसार 15 मार्च व 19 मार्च को भी प्रदेश के मध्यम और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी की संभावना है।

 

बारिश व बर्फबारी के कारण प्रदेश में 60 सड़कों पर बुधवार को यातायात बहाल नहीं हो पाया। हालांकि पहले

से बंद 23 सड़कों को वाहनों के लिए खोला गया है लेकिन शिमला जोन की नौ, मंडी जोन की 32, कांगड़ा जोन की 17 सड़कें और दो राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं। लोक निर्माण विभाग ने सड़कों पर यातायात बहाल करने के लिए 103 मशीनें तैनात की हैं।

हिमाचल में वादियां निखरीं, पर्यटक घटे

हिमाचल में पर्यटन विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश की वादियां भी और निखरी हैं। लेकिन पर्यटन विभाग पर्यटकों को लुभाने में नाकाम रहा है। वर्ष 2018 में प्रदेश में देशी व विदेशी पर्यटकों की संख्या वर्ष 2017 के मुकाबले करीब 13 फीसद कम रही है।

पर्यटन विभाग फाइलों में पर्यटक बढ़ाने के कई दावे करता रहा लेकिन हालात कुछ और हैं। प्रदेश में 11 साल के दौरान पिछले साल पर्यटकों में सबसे अधिक गिरावट आई है। पर्यटन विभाग के अधिकारी इसका कारण पिछले साल गर्मियों में पानी की किल्लत व अधिक बरसात बता रहे हैं। पर्यटन विभाग कई पर्यटन स्थलों को भी विकसित नहीं कर पाया है। राजधानी शिमला में भी पर्यटकों को दो दिन से अधिक रोक पाने के लिए कुछ नहीं किया गया है। यदि वर्ष 2013 को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या वर्ष 2017 तक हर साल बढ़ रही थी।


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