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हिमाचलः धर्मशाला में बारिश और धौलाधार में बर्फबारी

प्रदेश में सोमवार से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तीन दिन तक मौसम के खराब रहने की संभावना है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 12:52 PM (IST)
हिमाचलः धर्मशाला में बारिश और धौलाधार में बर्फबारी
हिमाचलः धर्मशाला में बारिश और धौलाधार में बर्फबारी

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बारिश और धौलाधार में बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले तीन दिन तक यहां भारी बर्फबारी और वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने प्रदेश के ऊंचे, मध्यम और निचले पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई है। इस बर्फबारी और वर्षा से प्रदेश में लंबे समय से चल रही सूखे की स्थिति पर विराम लगेगा। प्रदेश में सोमवार से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तीन दिन तक मौसम के खराब रहने की संभावना है। ऐसे में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में जमकर मेघ बरसेंगे, जबकि ऊपरी हिमाचल में हिमपात होगा।

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उधर, रविवार को दिन की शुरुआत धूप के साथ हुई, जिससे न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है। हालांकि दोपहर बाद आसमान में बादलों के छाने से दिन के तापमान में कुछ क्षेत्रों में कमी आई। कल्पा में न्यूनतम तापमान में सुधार हुआ है, जबकि शिमला में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

शिमला के न्यूनतम तापमान 6.6 की अपेक्षा सुंदरनगर में 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा। ऊना के न्यूनतम तापमान में सुधार हुआ। वहां तापमान 7.0 डिग्री और सोलन में 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सबसे कम तापमान केलांग में-2.1 और ऊना में सबसे अधिक तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम की मार, कृषि को लाखों का नुकसान

मौसम की बेरुखी के कारण हिमाचल प्रदेश के 70 फीसद क्षेत्र में अभी तक भी रबी की फसलों की बिजाई नहीं हो सकी है। ऐसे में प्रदेश में कृषि को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचने का अनुमान है। इससे सीधे तौर पर कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य में भी गिरावट आने की संभावना है। मौसम विभाग ने सोमवार से भारी बर्फबारी और वर्षा की चेतावनी जारी की है, लेकिन लंबे समय से प्रदेश में सूखा पड़ा हुआ है। हालांकि रबी फसलों की बिजाई नवंबर के अंतिम सप्ताह तक हो जानी चाहिए, लेकिन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में भी बिजाई न होने से पैदावार प्रभावित होगी।

प्रदेश में बंदरों और जंगली जानवरों के कारण तीस फीसद से अधिक की खेती पहले ही उजाड़ बन चुकी है। हर वर्ष रबी फसल के तहत आने वाले क्षेत्र में कमी आ रही है। कृषि विभाग के जुटाए आंकड़ों के हिसाब से परंपरागत फसलों की अपेक्षा लोगों ने नकदी फसलों के कारोबार को अपना लिया है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अब जो बिजाई होगी, उसकी पैदावार में कमी आएगी और इसका सीधा असर प्रदेश की आर्थिकी पर पड़ेगा। प्रदेश का मौसम के खराब रहने और वर्षा होने की स्थिति में तीन दिन तक वैसे ही बिजाई होने की संभावना कम है। इस कारण नुकसान और बढ़ेगा।

प्रदेश में बारिश न होने से अधिकतर क्षेत्रों में रबी की फसलों की बिजाई नहीं हो सकी है। इसका कृषि उत्पादन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। वहीं जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है केवल वहां पर ही बिजाई हो सकी है। अगले दो-तीन दिन में वर्षा होने से कुछ भरपाई हो सकती है।

-देसराज शर्मा, निदेशक कृषि विभाग,

हिमाचल प्रदेश

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