हिमाचल में पानी के बराबर गाय के दूध के दाम
हिमाचल में गाय का दूध बोतल बंद पानी यानी बिस्लेरी मिनरल वाटर के दाम पर बिक रहा है।
रमेश सिगटा, शिमला
हिमाचल में गाय का दूध बोतल बंद पानी यानी बिस्लेरी मिनरल वाटर के दाम पर बिक रहा है। कहीं दूध के दाम बोतल बंद पानी से भी कम हैं। पशुपालकों को लागत का भी पैसा नहीं मिल रहा है। इस कारण यह कारोबार घाटे का सौदा है। मिल्कफेड 17 से 24 रुपये तक दूध के दाम दे रहा है, जबकि खुले बाजार में कंपनियां पैकेट में एक लीटर दूध 52 रुपये में बेच रही हैं। मिल्कफेड दूध में मौजूद फैट (वसा) और सॉलिड नॉट फैट (एसएनएफ) के आधार पर दूध की कीमत तय करता है। किसान खुद खुले बाजार में दूध बेचे तो उसे अधिकतर 40 रुपये दाम मिल रहा है। प्रदेश के 54 शहरों में दूध की मांग समीपवर्ती गांवों से कम और पंजाब व हरियाणा के दूध से ज्यादा है। बिलासपुर व सोलन के कई क्षेत्रों में किसान सोसायटी के माध्यम से भी दूध बाजार में बेच रहे हैं।
राजधानी में 65 फीसद दूध आता है पंजाब व हरियाणा से
प्रदेश की राजधानी में करीब 65 फीसद दूध पंजाब व हरियाणा से आता है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान 35 फीसद दूध की मांग ही पूरी कर पाते हैं। हालांकि उन्हें प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों के किसानों के मुकाबले बेहतर दाम मिलते हैं। इसकी आपूर्ति घरों तक है। गायों के अलावा कुछ जगहों पर भैंस का दूध भी उपलब्ध हो रहा है।
बेसहारा गोवंश की समस्या
ग्रामीण क्षेत्रों में गाय दूध देना बंद करती है तो पशुपालक उसे सड़क पर छोड़ देते हैं। इससे बेसहारा गोवंश की समस्या पैदा हो गई है। सरकार प्रदेशभर में गौ अभ्यारण्य व गौसदनों का निर्माण कर रही है। पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के प्रयासों से इस कार्य में तेजी आ रही है।
कितना होता है राज्य में उत्पादन
वर्ष,टन
2012-13,1138
2013-14,1151
2014-15,1172
2015-16,1282
2016-17,1328
2017-18,1392
2018-19,1460
मिल्कफेड द्वारा प्रतिमाह की गई दूध की खरीद
जिला,दूध की खरीद
शिमला,3093051 लीटर
सिरमौर,789065 लीटर
सोलन,807762 लीटर
हमीरपुर,121706 लीटर
ऊना,403236 लीटर
कांगड़ा,231219 लीटर
चंबा,36579 लीटर
मंडी,8578114 लीटर
कुल्लू,9938815 लीटर
बिलासपुर,1314143 लीटर
किन्नौर,252516 लीटर
अब बछड़े नहीं बछियां होंगी पैदा
सेक्स सॉर्टिड सीमन फैसिलिटी सेंटर खुलने से अब बछड़ों के स्थान पर बछियां ही पैदा होंगी। पालमपुर में 47.50 करोड़ रुपये से यह सेंटर स्थापित होगा। इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार से मिल गई है। सात-आठ के भीतर इसका कार्य शुरू होगा। इस सेंटर में देसी नस्ल की गाय के ऐसे इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे, जिससे केवल बछड़ी ही पैदा होगी। इससे बेसहारा पशुओं की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। गायों की खरीद के लिए 10 से 20 फीसद उपदान भी दिया जा रहा है।
अधिक दूध देने वाले पशु को पुरस्कार
राज्य में 15 लीटर से अधिक दूध देने वाले पशु को उत्तम पशु पुरस्कार दिया जा रहा है। पशुपालक को प्रोत्साहन राशि के तौर पर एक हजार दिए जाते हैं।
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प्रदेश में देसी गायों की नस्ल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इनमें रेड सिधी व साहवाल शामिल हैं। दुधारू पशुओं को फीड 50 फीसद अनुदान पर दी जा रही है।
-डा. अजमेर सिंह डोगरा, निदेशक, पशुपालन विभाग
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प्रदेश के पशुपालकों को मिल्कफेड के माध्यम से सही दाम नहीं मिल रहे हैं। आंदोलन करने पर सरकार हर साल एक या दो रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ा रही है। वर्तमान में प्रति लीटर दूध का दाम 24 रुपये से ज्यादा नहीं मिल रहा है। न्यूनतम दाम 40 रुपये हो तभी पशुपालक यह कारोबार अपनाएंगे अन्यथा कंपनियों की मनमानी चलेगी।
-डा. कुलदीप सिंह तंवर, प्रदेश अध्यक्ष, किसान सभा