नहाने योग्य बनेगा हिमाचल की सात नदियों का पानी
हिमाचल प्रदेश की सात नदियों के पानी को नहाने योग्य बनाया जाएगा। इसके अलावा सात शहरों में प्रदूषण कम करने की योजना बनेगी।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश की सात नदियों के पानी को नहाने योग्य बनाया जाएगा। इसका जिम्मा आइआइटी रुड़की, आइआइटी कानपुर, आइआइटी मंडी व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआइएच) रुड़की के वैज्ञानिकों को सौंपा गया है। एनआइएच रुड़की के वैज्ञानिक हिमाचल के सात औद्योगिक शहरों में प्रदूषण कम करने की योजना भी बनाएंगे।
हिमाचल की सात नदियों और सात शहरों को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए प्रदेश में बनाई गई एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी की पहली बैठक शुक्रवार को शिमला में हुई। इस बैठक में तीन आइआइटी व एनआइएच को यह जिम्मा सौंपा गया। बैठक में इन संस्थानों के अधिकारी भी मौजूद थे। ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदूषण रोकने और नदियों को स्वच्छ करने के लिए आइआइटी के वैज्ञानिक सरकार को त्रिस्तरीय योजना देंगे। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के कड़े रुख के बाद यह कवायद शुरू हुई है। छह सदस्यीय एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमेटी में परिवहन, उद्योग, शहरी विकास, कृषि और पर्यावरण विज्ञान विभाग के निदेशक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शामिल हैं।
इन सभी को इन आइआइटी को पूरी जानकारी और अब तक की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं जिससे योजना तैयार की जा सके। किसके जिम्मे कौन सी नदी संस्थान,नदी आइआइटी रुड़की, सिरसा, सुखना, अश्वनी आइआइटी कानपुर पब्बर आइआइटी मंडी ब्यास नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की मारकंडा व गिरी इन शहरों की सुधरेगी हवा हिमाचल प्रदेश के जिन सात औद्योगिक शहरों की वायु बहुत अधिक प्रदूषित पाई गई है, उनमें वायु प्रदूषण दूर करने का जिम्मा नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की को सौंपा गया है। इनमें बद्दी नालागढ़, परवाणू, डमटाल, कालाअंब, पावटा साहिब व सुंदरनगर की हवा की गुणवत्ता सुधारी जाएगी। संक्षिप्त, मध्यम व लंबे समय की योजनाएं बनेंगी।
नदियों के पानी को नहाने योग्य बनाने और सात प्रदूषित शहरों की हवा सुधारने के लिए संक्षिप्त, मध्यम व लंबे समय की योजनाएं तैयार होंगी।
आरके प्रूथी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड