पेयजल संकट: क्यों नहीं काटे बिल अदा न करने वाले होटलों के कनेक्शन
प्रदेश हाईकोर्ट में हुई पानी के असमान वितरण के मामले की सुनवाई, निगम आयुक्त की अनुपस्थिति को संवेदनहीनता बताया, जरूरी था हाजिर होना
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला में पानी के असमान वितरण पर नगर निगम से पूछा कि आदेश के बावजूद बिल अदा न करने वाले होटलों के कनेक्शन क्यों नहीं काटे? कोर्ट ने निगम आयुक्त की अनुपस्थिति को संवेदनहीनता करार दिया और कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उनका हाजिर होना जरूरी था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विजय अरोड़ा ने सरकार को सुझाव दिया कि जब हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल रात 12 से तीन बजे तक शहर के विभिन्न भागों का दौरा कर वास्तविक स्थिति जानने के लिए सड़क पर उतर सकते हैं तो सरकार के मंत्रियों व अफसरों को मामले की गंभीरता को देखते हुए सड़कों पर उतर कर जनता के साथ खड़ा होना चाहिए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने आइपीएच व पर्यटन विभाग के सचिवों सहित निगम आयुक्त व म्यूनिसिपल इंजीनियर (एमई) को शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश भी दिए। कोर्ट को बताया गया कि पानी का अभी भी सही वितरण नहीं हो रहा है। प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला में पेयजल संकट का स्वत: संज्ञान लेते हुए सोमवार को सरकार को त्वरित कदम उठाने का आदेश दिया था।
भाजपा पार्षदों ने खोला मोर्चा शिमला में पेयजल संकट के चलते भाजपा पार्षदों ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा पार्षद किमी सूद मुख्यमंत्री आवास के बाहर स्थानीय लोगों के साथ पहुंची। लोगों ने कहा कि नौ दिनों से पानी नहीं आया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जैसे ही पता चला तो वह तुरंत लोगों से मिलने पहुंचे और अधिकारियों को आदेश दिए कि वार्ड में पानी की आपूर्ति की जाए। इसके बाद संजौली टैंक से पानी की आपूर्ति हुई है व टैंकर भी भेजा गया। वहीं, दोपहर 12 बजे कुछ समय के लिए भाजपा पार्षद आरती चौहान और कमलेश मेहता डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठीं। बताते हैं भाजपा के नेताओं ने दोनों पार्षदों को सचिवालय बुलाया, जहां उन्हें खूब खरी-खरी सुनाई।
एक हफ्ते तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध, अधिसूचना जारी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय शिमला के आदेश का पालन करते हुए शिमला नगर नियोजन क्षेत्र में भवन निर्माण कार्य पर एक सप्ताह के लिए पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। पेयजल आपूर्ति सुचारू होने के उपरात इस बारे में आगामी निर्णय लिया जाएगा। स्थिति सामान्य होने के उपरात इस विषय में आगामी निर्णय, गठित कमेटी, उपायुक्त शिमला, आयुक्त नगर निगम शिमला या स्थिति की निगरानी के लिए अन्य कोई कमेटी गठित कर लिया जाएगा। जिला दंडाधिकारी शिमला अमित कश्यप ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में कार वाशिग कार्य पर भी एक सप्ताह के लिए पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। यह पाबंदी तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इसके बारे में आगामी निर्णय परिस्थितियों के आधार पर परिस्थिति सामान्य होने पर राज्य या आयुक्त नगर निगम द्वारा गठित कमेटी द्वारा लिया जाएगा।
पानी के लिए भाजपा पार्षदों ने खोला मोर्चा
शिमला में पेयजल संकट के चलते भाजपा पार्षदों ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा पार्षद किमी सूद मुख्यमंत्री आवास के बाहर स्थानीय लोगों के साथ पहुंची। लोगों ने कहा कि नौ दिनों से पानी नहीं आया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जैसे ही पता चला तो वह तुरंत लोगों से मिलने पहुंचे और अधिकारियों को आदेश दिए कि वार्ड में पानी की आपूर्ति की जाए। इसके बाद संजौली टैंक से पानी की आपूर्ति हुई है व टैंकर भी भेजा गया। वहीं, दोपहर 12 बजे कुछ समय के लिए भाजपा पार्षद आरती चौहान और कमलेश मेहता डीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठीं। बताते हैं भाजपा के नेताओं ने दोनों पार्षदों को सचिवालय बुलाया, जहां उन्हें खूब खरी-खरी सुनाई।