अब पानी की बोतल के लिए लंबा इंतजार
स्कूल वर्दी बैग और किताबों के बाद राज्य सरकार अब नए साल पर स्कूली छात्रों को पानी की स्टील की बोतलें भी मुफ्त में देगी।
जागरण संवाददाता, शिमला : सरकारी स्कूलों में वर्दी की तरह बच्चों को पानी की बोतलें भी देरी से ही मिलेंगी। शिक्षा विभाग ने बोतलों की खरीद प्रक्रिया भले ही पूरी कर ली है, लेकिन इसे बच्चों तक पहुंचाने के लिए अगले सत्र तक का इंतजार करना होगा। नौवीं कक्षा के करीब 90 हजार विद्यार्थियों को पानी की बोतलें दी जानी हैं। राज्य सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसकी खरीद का जिम्मा सौंपा है। बोर्ड ने खरीद प्रक्रिया पूरा कर ली है। बोर्ड ने संबंधित कंपनी को 45 दिन के भीतर सारा स्टॉक जारी करने के निर्देश दिए हैं।
यही कंपनी सभी जिलों के शिक्षा उप निदेशालय कार्यालयों में बोतलों का स्टॉक पहुंचाएगी। वहां से स्कूल प्रिसिपल या हेडमास्टर स्कूलों में पहुंचाकर इनका आवंटन करेंगे। पहली जनवरी को बोतलों की खेप जिला शिक्षा उप निदेशालय में पहुंचना शुरू हो जाएगी। इसके बाद इसके आवंटन का कार्य शुरू होगा।
प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद लिया फैसला
राज्य सरकार की प्लास्टिक पर रोक के बाद स्कूली बच्चों को स्टील की बोतलें देने की योजना बनी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी घोषणा की थी। इस प्रक्रिया को पूरा करने में ही लंबा समय लग गया है। पूरा सत्र विद्यार्थी बोतलों का इंतजार करते रहे। असमंजस : किन बच्चों को मिलेंगी बोतलें
शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में पानी की बोतलें बांटने पर अभी असमंजस बना हुआ है। राज्य सरकार ने नौवीं कक्षा के छात्रों को पानी की बोतलें देने की घोषणा की थी। इस कक्षा का वार्षिक परीक्षा परिणाम 31 दिसंबर को घोषित हो जाएगा। यानी छात्र पास होकर दसवीं कक्षा में प्रवेश कर लेंगे। ऐसे में विभाग असमंजस में है कि किन छात्रों को बोतलें बांटी जाएं, क्योंकि घोषणा नौवीं कक्षा के लिए हुई थी। टेंडर रद होने की वजह से हुई देरी
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच जून को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को स्टील की बोतलें देने की घोषणा की थी। इसकी खरीद का जिम्मा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को दिया था। सैंपल फेल होने के बाद टेंडर रद हो गया। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने स्तर पर बोतलों की खरीद की है। ----------
जिला शिक्षा उप निदेशक कार्यालयों में कंपनी पानी की बोतलों का स्टॉक भिजवाएगी। यहां से स्कूल प्रिसिपल और हेडमास्टर बोतलों को बच्चों में बांटेंगे। नए साल में बोतलें बांटने का काम शुरू कर दिया जाएगा। नौवीं कक्षा के करीब 90 हजार बच्चों को यह बोतलें दी जाएंगी।
डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा। -----------
टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है। बोतलें आवंटन का कार्य शिक्षा विभाग का है। कंपनी को निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षा उप निदेशालय में पहली जनवरी तक इसकी सप्लाई पहुंचा दी जाए।
आदित्य नेगी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।