रिपन पहुंचे चार ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर, गंभीर मरीजों का होगा उपचार
इसके बारे में अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया है। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से अस्पताल में जल्द ही आइसीयू बनाया जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर कोई गंभीर कोरोना पॉजिटिव मरीज आ जाए तो उसे मजबूरन आइजीएमसी भेजा जाएगा। फिलहाल शिमला में अभी तक 7 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी मरीज एसिम्टोमेटिक हैं और मशोबरा के कोविड डेडिकेटिड सेंटर में डॉक्टरों की निगरानी में रखे गए हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : रिपन अस्पताल को कोरोना समर्पित अस्पताल बनाने के बाद प्रशासन की तैयारियां जारी हैं। अस्पताल में चार ट्रांसपोर्ट वेंटीलेटर पहुंच गए हैं। इन पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों का उपचार किया जाएगा। अभी तक अस्पताल में वेंटीलेटर सुविधा नहीं थी। कोरोना के प्रति सतर्कता बरतते हुए चार वेंटीलेटर आइजीएमसी से मंगवाए गए हैं। बीमार मरीज को आइसोलशन वार्ड से टेस्ट करवाने के लिए इसी वेंटीलेटर के माध्यम से ले जाया जाएगा। मरीज का सीटी स्कैन, एक्सरे करवाने की स्थिति में मरीज को स्थानांतरित करने की जरूरत पड़ सकती है। मौजूदा समय में अस्पताल में कोरोना ओपीडी के अलावा सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद हैं। ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां और प्रभावी तरीके से की जा रही हैं। अस्पताल में कोरोना के लक्षणों वाले और गंभीर स्थिति वाले मरीज भर्ती किए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन की ओर से डॉक्टरों, नर्साें, सफाई कर्मचारी और सुरक्षा कर्मचारियों की तीन टीमें गठित की गई हैं। रोजाना 25 से 30 सैंपल लिए जा रहे हैं।
एमएस डॉ. लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि जो कोरोना पॉजिटिव होंगे और उन्हें वेंटीलेशन की जरूरत होगी तो ऐसी स्थिति के लिए वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में निगरानी में रखा जाएगा।
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आइसीयू बनने का इंतजार
गंभीर स्थिति के मरीज के लिए रिपन में अभी तक आइसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके बारे में अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया है। विभाग जल्द ही आइसीयू बनाएगा। ऐसी स्थिति में अगर कोई गंभीर कोरोना पॉजिटिव आ जाए तो उसे मजबूरन आइजीएमसी भेजा जाएगा। फिलहाल शिमला में अभी तक सात लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।