लैंड बैंक में शामिल होगी शिक्षा विभाग की खाली भूमि
प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के पास खाली पड़ी भूमि अब निवेशकों के लिए तैयार किए गए लैंड बैंक शमिल होगी। इन्वेस्टर मीट के लिए प्रदेश सरकार आठ सेक्टर में निवेश करने के लिए फोक्स किया जा रहा है। इसमें शिक्षा और कौशल विकास का क्षेत्र भी शामिल है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों के पास खाली पड़ी शिक्षा विभाग की भूमि अब निवेशकों के लिए तैयार किए गए लैंड बैंक में शामिल होगी। धर्मशाला में नवंबर में होने वाली इन्वेस्टर मीट के लिए प्रदेश सरकार की ओर से आठ सेक्टर में निवेश करने को लेकर जोर दिया जा रहा है। इसमें शिक्षा व कौशल विकास का क्षेत्र भी शामिल है।
उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने वीरवार को सभी स्कूलों व कॉलेजों के प्रिंसिपलों सहित उपनिदेशकों को रिक्त पड़ी भूमि का रिकॉर्ड भेजने के निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों व कॉलेजों के प्रिंसिपलों से कहा गया है कि जिनके पास ऐसी भूमि खाली पड़ी है जिसमें किसी प्रकार का निर्माण न हुआ हो और न किसी प्रकार के निर्माण का प्रस्ताव है, ऐसी भूमि की जानकारी शिक्षा निदेशालय को एक दिन के भीतर उपलब्ध करवाएं। उद्योग विभाग ने प्रदेश में निवेशकों की सुविधा के लिए रिक्त पड़ी भूमि का एक बैंक तैयार किया है जिसे राइजिग एप पर अपलोड किया गया है। इसके जरिए निवेशक अपनी कंपनी की सुविधा के अनुसार प्रदेश में रिक्त भूमि का चयन कर सकते हैं। अब शिक्षा और कौशल विकास को लेकर भी शिक्षण संस्थान प्रदेश में निवेश करने के लिए आगे आ रहे हैं। इनके लिए भूमि उपलब्ध करवाने के मकसद से स्कूलों और कॉलेजों की रिक्त पड़ी भूमि को लैंड बैंक में जोड़ने की तैयारी की जा रही है।