Move to Jagran APP

15 साल में भी नहीं बन पाई ऊहल जलविद्युत परियोजना

मंडी का ऊहल चरण तीन पावर प्रोजेक्ट पंद्रह वर्षों में भी तैयार नहीं हुआ है। जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। अब इसकी लागत 410 करोड़ से बढ़कर 1600 करोड़ पार हो गई है। अभी तक भी बिजली बोर्ड इसका निर्माण नहीं कर पा रहा है। यह प्रोजेक्ट 100 मेगावाट का प्रस्तावित है। उन्होंने थाना पलोण प्रोजेक्ट का मुख्यालय जोगेंद्रनगर के भट्टा में शिफ्ट करने की मांग की। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि विधायक की ¨चताओं से सरकार भी ¨चतित है। पावर प्रोजेक्ट की लागत चार गुना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आदेश दिए हैं कि लंबित पड़ी सभी बिजली परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 04:45 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 04:45 PM (IST)
15 साल में भी नहीं बन पाई
ऊहल जलविद्युत परियोजना
15 साल में भी नहीं बन पाई ऊहल जलविद्युत परियोजना

राज्य ब्यूरो, शिमला : मंडी जिले में ऊहल चरण तीन जलविद्युत परियोजना 15 वर्षो में भी तैयार नहीं हुई है। जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अब इस परियोजना की लागत 410 करोड़ रुपये से बढ़कर 1600 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। अभी तक बिजली बोर्ड परियोजना का निर्माण नहीं कर पा रहा है। यह प्रोजेक्ट 100 मेगावाट का प्रस्तावित है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि एक ही परियोजना से 24 करोड़ रुपये सालाना नुकसान हो रहा है। प्रदेश में ऐसी अन्य परियोजनाओं से अरबों-खरबों का नुकसान हो रहा है। अगर ये परियोजनाएं समय पर तैयार होतीं तो सरकार को काफी आय होनी थी। उन्होंने थाना पलोण प्रोजेक्ट का मुख्यालय जोगेंद्रनगर के भट्टा में शिफ्ट करने की मांग भी की। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि विधायक की ¨चता से सरकार भी ¨चतित है। जलविद्युत परियोजना की लागत चार गुना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आदेश दिए हैं कि सभी लंबित बिजली परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। ऊर्जा नीति में भी बदलाव किया गया है। हाइडल सेक्टर में गति आए, इसके लिए मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी इस सेक्टर के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी। थाना पलोण में थाना पलौण त्रिवेणी महादेव 141 मेगावाट की कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। थाना पलौण जलविद्युत परियोजना (191 मेगावाट) का निर्माण किया जाना है। त्रिवेणी महादेव जलविद्युत परियोजना (75 मेगावाट) का निर्माण ब्यास नदी पर प्रस्तावित है। इन दोनों परियोजनाओं के कार्यालय को जोगेंद्रनगर (भट्टा) में स्थानांतरित करने का कोई विचार नहीं है क्योंकि हमीरपुर जिले में स्थित कार्यालय को पहले ही मंडी के कोटली में शिफ्ट किया जा चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.