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16 किलो चरस के साथ पकड़े दंपती को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, 20 साल रहना होगा सलाखों के पीछे

चरस तस्करी के जुर्म में शिमला की अदालत ने दंपती को मादक पदार्थ अधिनियम में दोषी पाते हुए 20-20 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 03:02 PM (IST)
16 किलो चरस के साथ पकड़े दंपती को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, 20 साल रहना होगा सलाखों के पीछे
16 किलो चरस के साथ पकड़े दंपती को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, 20 साल रहना होगा सलाखों के पीछे

शिमला, जेएनएन। चरस तस्करी के जुर्म में शिमला की अदालत ने दंपती को मादक पदार्थ अधिनियम में दोषी पाते हुए 20-20 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है। इसके साथ ही 10-10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं तीन अन्य दोषियों को अदालत ने छह-छह महीने की कैद की सज़ा दी है। न्यायाधीश ज्योत्सना डढवाल की अदालत ने बुधवार को दोषी दंपती दीपराम और पत्नी ऊषा को 20-20 साल के कारावास की सज़ा सुनाई। प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी में यह अब तक की यह सबसे बड़ी सज़ा है। इसी मामले में तीन अन्य दोषी अमन, विपिन और मेहर सिंह को छह-छह माह कारावास होगा। सभी आरोपित तीन साल से जेल में हैं।

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सनद रहे कि शिमला की बालूगंज पुलिस ने 25 मार्च 2016 को उपनगर टूटू में दीपराम के आवास से 16 किलो चरस व अफीम बरामद की थी। इस घटना को लेकर पुलिस ने दीपराम, उसकी पत्नी उषा, मेहर सिंह, अमन ठाकुर, विपिन को गिरफतार किया था। आरोपितों के विरूद्व एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। जिस घर में अफीम, चरस मिली थी, वह घर उषा के नाम पर है। दरअसल पुलिस को खुफिया सूत्रों से इस बात की सूचना मिली थी कि दीपराम लंबे समय से इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी को अंजाम दे रहा था। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया और 26 मार्च 2016 को दीपराम को गिरफ्तार किया गया।


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