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घोटाला उजागर करने वाले को ही बदल दिया

ये सत्ता का कैसा निजाम है जहां घोटालेबाजों की बजाय ईमानदारों को सजा मिलती है। मामला मंडी के संधोल का है। यहां पशुपालन विभाग के डॉक्टर ने चैफ कट्टर यानी घास का आकार छोटा करने वाले उपकरण के आवंटन में गड़बड़झाले को पकड़ा। विभाग ने संदेह के घेरे में आए फार्मासिस्ट के खिलाफ एफआरआर दर्ज नहीं की और न ही ठोस कारवाई की। इसके ठीक विपरीत इसी कर्मी की शिकायत के आधार पर तीन- तीन इन्क्वारियां बैठा दी। 16 अक्टूबर को तीन सदस्यीय जांच कमेटी के सामने घोटाले से जुड़े तमाम सुबूतों को रखा गया। सूत्रों के अनुसार इसमें विभाग के एक बड़े अधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए। अब वेटनरी डॉक्टर विनोद कुमार का ही सरकार ने तबादला कर दिया है। उन्हें शिमला के पशु चिकित्सालय चिड़गांव भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार इनके पक्ष में 30 से ज्यादा महिला

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:36 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:33 AM (IST)
घोटाला उजागर करने वाले को ही बदल दिया
घोटाला उजागर करने वाले को ही बदल दिया

राज्य ब्यूरो, शिमला : किसी घोटाले को उजागर करने वाले का ही तबादला कर दिया जाए तो फिर क्या कहें। मामला मंडी जिले के संधोल का है। यहां पशुपालन विभाग के डॉक्टर ने चैफ कटर यानी घास का आकार छोटा करने वाली टोका मशीन के आवंटन में गड़बड़झाले को पकड़ा था। विभाग ने संदेह के घेरे में आए फार्मासिस्ट के खिलाफ एफआरआर दर्ज नहीं करवाई और न ही ठोस कार्रवाई की। इसके विपरीत इसी कर्मी की शिकायत के आधार पर तीन जांच बैठा दीं।

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तीन सदस्यीय जांच कमेटी के सामने 16 अक्टूबर को घोटाले से जुड़े तमाम सुबूतों को रखा गया। सूत्रों के अनुसार इसमें विभाग के एक बड़े अधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए। अब वेटरनरी डॉक्टर विनोद कुमार का ही सरकार ने तबादला कर दिया है। उन्हें शिमला जिला के पशु चिकित्सालय चिड़गांव भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार इनके पक्ष में 30 से ज्यादा महिला मंडलों ने सरकार को लिखित प्रस्ताव भेजे हैं। इसके बावजूद इन पर तबादले की गाज गिरी है। संधोल में टोका मशीनों के आवंटन में गड़बड़झाला होने का आरोप है। इनमें सरकार ने सबसिडी दी।

पशु चिकित्सालय संधोल में 23 मशीनें लाभार्थियों को वर्ष 2013-14 में बांटी गई। आरोप है कि ये मशीनें लाभार्थियों को दी ही नहीं गई। इनका जाली रिकॉर्ड वर्ष 2018 में तैयार किया गया। विभाग ने आरोपों के घेरे में आए तत्कालीन फार्मासिस्ट पर कार्रवाई करने की बजाय गड़बड़झाला पकड़ने वाले डॉक्टर के खिलाफ ही जांच आरंभ की है। आरोपित को रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने की पूरी छूट दी गई है।

वहीं, पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने दैनिक जागरण की खबरों के आधार पर घोटाले की जांच की बात कही थी। अभी सरकार की ओर से ऐसी जांच आरंभ नहीं की गई है। विभागीय जांच उप निदेशक मंडी के आदेश पर ही होती रही हैं।


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