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टमाटर की बंपर पैदावार, दाम फिर भी शतक पार, जानिये कारण

कुछ स्थानों पर तो 110 रुपये दाम लगाए जा रहे हैं। महंगाई का कारण भी स्पष्ट है कि यहां से टमाटर को सीधा अन्य राज्यों की मंडियों में भेजा जा रहा है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 26 Jul 2017 01:08 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 09:17 AM (IST)
टमाटर की बंपर पैदावार, दाम फिर भी शतक पार, जानिये कारण
टमाटर की बंपर पैदावार, दाम फिर भी शतक पार, जानिये कारण

शिमला, जागरण संवाददाता। स्थानीय फसल और बंपर पैदावार के बावजूद प्रदेश में लोग टमाटर का स्वाद भूलने लगे हैं। प्रदेश में टमाटर के दाम में पचास फीसद से अधिक उछाल आ गया है। 10 से 20 रुपये प्रतिकिलो मिलने वाला टमाटर 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो की दर पर पहुंच गया है।

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कुछ स्थानों पर तो 110 रुपये दाम लगाए जा रहे हैं। महंगाई का कारण भी स्पष्ट है कि यहां से टमाटर को सीधा अन्य राज्यों की मंडियों में भेजा जा रहा है। ऊंचे दामों पर बाहरी राज्यों की जरूरतें पूरी करने के चक्कर में प्रदेश के लोगों की रसोई का जायका बिगड़ गया है।

हिमाचल की प्रमुख नकदी फसल टमाटर की सप्लाई बाहरी राज्यों में जाने से प्रदेश में टमाटर सहित अन्य सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। रोजमर्रा की इन जरूरतों को पूरा करना आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि बीते साल मानसून के इन दिनों में टमाटर का दाम फिर भी पचास रुपये किलो तक पहुंचा था, लेकिन इस साल तो शतक का आंकड़ा पार हो गया है। प्रदेश की बड़ी मंडियों में टमाटर के दाम थोकभाव में ही 65 रुपये से अधिक हैं। शिमला मंडी में 25 किलोग्राम का एक क्रेट 1600 रुपये में बिक रहा है, जबकि सोलन में 1640 रुपये तक 25 किलोग्राम का क्रेट बिक रहा है। हालांकि आम लोगों से हटकर किसानों के नजरिये से देखें तो किसानों के चेहरे पर रौनक है और आम लोगों के चेहरे मुर्झाए हैं।

हिमाचल के टमाटर की लालिमा इस वर्ष पूरे देश में अपनी रंगत बिखेर रही है। बड़े-बड़े आढ़ती प्रदेश की मंडियों में डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश में सबसे अधिक टमाटर की पैदावार देने वाले सोलन जिला के धर्मपुर, कंडाघाट, साधुपुल व कुनिहार क्षेत्रों में किसानों ने पसीना तो खूब बहाया है और सीधे देश की बड़ी मंडियों में संपर्क बनाया है। सोलन से टमाटर सीधा दिल्ली की आजादपुर मंडी पहुंच रहा है। बड़ी मात्रा में टमाटर शिमला, सोलन, सिरमौर और बिलासपुर की मंडियों से दिल्ली की आजादपुर मंडी, महाराष्ट्र और नासिक भेजा जा रहा है। महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्री मानसून की बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल की भरपाई हिमाचल से पूरी की जा रही है,

जबकि हिमाचल में टमाटर की कमी हो गई है। 

दाम बढऩे का कारण

टमाटर के दाम आसमान छूने के लिए बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है। बारिश से टमाटर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है और खेतों में ही सड़ रहा है, जिस कारण दाम में बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों का कहना है कि मानसून में टमाटर के दाम बढ़े ही रहेंगे, मानकर चलिए की कम से कम अगले एक माह तक आम आदमी के लिए टमाटर का स्वाद महंगा ही पड़ेगा।

सलाद जेब पर पड़ रहा भारी

प्रदेश में इस वर्ष टमाटर की बंपर पैदावार हुई है। बावजूद इसके शिमला सहित प्रदेशभर में अब टमाटर का सलाद जेब पर काफी भारी पडऩे लगा है। कहीं पर भी टमाटर का भाव 80 रुपये से कम नहीं है, जिससे लोग अब टमाटर का स्वाद भूलने लगे हैं। ऐसे में जब प्रदेश में टमाटर की पैदावार खरी होने से किसान खुश हैं, वहीं लोगों की रसोई का स्वाद बिगड़ा है।

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