हिमाचल प्रदेश में कोठी के लिए भिड़ गए तीन मंत्री
प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री की प्रधान एसीएस और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी आवासों के आवंटन में उलझे हुए हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। सरकार बनने के बाद पसंदीदा विभाग लेने के लिए मंत्रियों में शुरू हुई कशमकश के खत्म होने के बाद अब कोठी के लिए ठन गई है। 12 नंबर कोठी को हासिल करने को तीन मंत्रियों ने इज्जत का सवाल बना लिया है।
प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री की प्रधान एसीएस और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी आवासों के आवंटन में उलझे हुए हैं। मंत्रियों के आवास का मामला अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास पहुंच गया है। इसकी फाइल मुख्यमंत्री की अतिरिक्त मुख्य सचिव के पास पहुंच गई है। मुख्यमंत्री के सचिवालय लौटते ही मामला उनके समक्ष रखा जाएगा। इसलिए ही सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रियों के आधिकारिक आवासों की सूची जारी नहीं की है।
12 नंबर कोठी का माजरा
12 नंबर कोठी रामचंद्रा चौक के नीचे है। इसमें रहने के लिए प्रदेश सरकार में इकलौती महिला मंत्री सरवीण चौधरी ने दावा पेश किया है। अनिल शर्मा भी इसे देख आए हैं और वीरेंद्र कंवर भी इसी कोठी में रहना चाहते हैं। जीएडी ने तीनों मंत्रियों से अपने स्तर पर मामला सुलझाने का आग्रह किया है। वीरेंद्र कंवर पहली बार सरकार में मंत्री बने हैं इसलिए हो सकता है कि वह कहीं दूसरे स्थान पर मंत्रियों के आवास में रहने के लिए राजी हो जाएं। अनिल के पास थी सात नंबर कोठी पूर्व कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके अनिल शर्मा के पास सात नंबर कोठी थी। उनका सामान अभी वहीं है। लेकिन अब अनिल शर्मा ने 12 नंबर कोठी में रहने की लिखित इच्छा जताई है।
कहां-कहां हैं मंत्रियों के आवास
प्रदेश सरकार के मंत्रियों के आवास छोटा शिमला डाकघर के समीप पहाड़ी पर हैं। यहां पर चार आवास हैं। इसके अतिरिक्त याटर्स प्लेस, वैनमोर में भी मंत्रियों के लिए टाइप सात व आठ कोठियां हैं। रामचंद्रा चौक में एक दशक पहले तक मंत्रियों के पांच आवास होते थे।
महेंद्र पुरानी कोठी में
महेंद्र सिंह ठाकुर व डॉ. रामलाल मार्कंडेय में भी पसंद की कोठी के लिए विवाद चल रहा था। अब महेंद्र सिंह ठाकुर पिछली सरकार के समय में वैनमोर के पुराने आठ नंबर आवास में रहने के लिए चले गए हैं। ऐसे में इन दो मंत्रियों में विवाद खत्म हो गया है।
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