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तीन धड़ों में बंटा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ तीन धड़ों में बंट गया है

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 05:49 PM (IST)
तीन धड़ों में बंटा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ
तीन धड़ों में बंटा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ तीन धड़ों में बंट गया है। समानांतर संगठन अपने-अपने तरीके से चुनाव करवा रहे हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार से मान्यता प्राप्त जोगटा गुट ने इन चुनाव को असंवैधानिक करार देते हुए कोर्ट में चुनौती देने की चेतावनी दी है। मौजूदा महासंघ के ठाकुर गुट के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने तदर्थ कमेटी के मुखिया विनोद कुमार को मुख्यधारा में आने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि महासंघ और कर्मचारियों की एकता के लिए वह अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार है। हालांकि उनका दावा है कि प्रदेश सरकार मान्यता उन्हें ही प्रदान करेगी। लेकिन वर्तमान हालात में महासंघ की मान्यता पर भी खतरा मंडरा हुआ है। आजकल तदर्थ कमेटी ब्लॉकों के चुनाव करवा रही है। इसमें कमेटी के पदाधिकारियों को कर्मचारियों का बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। इससे उत्साहित कर्मचारी नेताओं ने अब क्रमवार जिला इकाइयों के चुनाव करवाने का फैसला लिया है। इनका ज्यादा जोर संगठन को धरातल पर खड़ा करना और इसे मजबूती प्रदान करना है। सुरेंद्र ठाकुर गुट भी जिलों के चुनाव करवा रहा है। तीनों गुटों के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ भवें तरेर दी हैं। अब नौबत सीधे-सीधे टकराव की आन पड़ी है। हालांकि दो गुट जयराम सरकार समर्थक हैं। हां, तीसरा जोगटा गुट वीरभद्र समर्थक रहा है। इस छवि से उसका उबरना आसान नहीं है।

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चिटफंड कंपनी नहीं है महासंघ : सुरेंद्र

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के ठाकुर गुट के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि संगठन चिटफंड कंपनी की तरह नहीं चलेगा। वह महासंघ के विधान के मुताबिक ही चलेगा। हमारे साथियों ने पांच साल उत्पीड़न सहा है। विनोद कुमार की तदर्थ कमेटी तब कहां थी? फिर भी वे अपने लोग हैं। समानांतर गतिविधियां चलाने की बजाय हमारे महासंघ में शामिल हों, मैं महासंघ का अध्यक्ष पर छोड़ने को तैयार हूं।

संवैधानिक प्रावधान से करवा रहे चुनाव : विनोद

महासंघ की तदर्थ कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार का कहना है कि वह संवैधानिक प्रावधान के तहत ही चुनाव करवा रहे हैं। पहले संगठन को मजबूत किया जा रहा है, फिर वहां लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के अनुसार चुनाव। मैं अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं। कर्मचारी जिसे भी बहुमत से चुनेंगे, वही पदाधिकारी कहलाएंगे।

कौन दे रहा है चुनाव की इजाजत : जोगटा

पूर्व सरकार से मान्यता प्राप्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एसएस जोगटा ने सवाल उठाया कि चुनाव करवाने की अनुमति कौन दे रहा है? ऐसे विभागाध्यक्षों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करे? अभी महासंघ का अध्यक्ष मैं हूं। अप्रैल में चुनाव करवाने की अधिसूचना जारी होगी। जो अभी चुनाव करवा रहे हैं, वे पूरी तरह से गैर संवैधानिक हैं। इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।


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