Coronavirus In Himachal: आइजीएमसी पहुंचे तीन कोरोना पॉजिटिव, प्रबंधन सतर्क; मचा हडकंप
Coronavirus In Himachal इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में तीन कोरोना मरीजों को भर्ती करवाया गया है अस्पताल के गेट बंद कर उसे सील कर दिया गया है।
शिमला, जेएनएन। कोरोना के तीन पॉजिटिव मामले आने के बाद तीनों मरीजों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में शिफ्ट कर दिया गया है। रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे इन मरीजों को 108 एंबुलेंस से आइजीएमसी लाया गया। एंबुलेंस को एजी चौक से वाया रिज मैदान न लाकर विक्ट्री टनल से लक्कड़बाजार, कैंसर अस्पताल व डेंटल कॉलेज होते हुए आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाया गया।
मरीजों के पहुंचने से अस्पताल में हड़कंप मच गया। जगह-जगह सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे, वे गाड़ी की हर मूवमेंट की जानकारी आगे मौजूद सुरक्षा कर्मी तक पहुंचा रहे थे। पहले एंबुलेंस को आइजीएमसी के मुख्य गेट से अंदर ले जाया जा रहा था, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी ने ड्राइवर को इशारा करते हुए मंनचंदा मेडिकल स्टोर के रास्ते में जाने को कहा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस गेट के आसपास दिनभर लोगों को आवाजाही लगी रहती है।
संक्रमण न फैले इसलिए मरीजों को दूसरे रास्ते से ई-ब्लॉक स्थित आइसोलेशन वार्ड में पहुंचाया गया। एंबुलेंस के आगे और पीछे सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की दो गाड़ियां चल रही थीं। ई-ब्लॉक के बाहर तीनों वाहन पहुंचने पर आइजीएमसी प्रशासन व अन्य डॉक्टरों की टीम पहले ही तैनात हो चुकी थी। एंबुलेंस का प्रशिक्षित डॉक्टरों ने दरवाजा खोला और मरीजों को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला। एहतियात के तौर पर मौजूद स्टाफ पीपीई किट्स पहने ही तैनात था।
अस्पताल सील, सभी गेट बंद
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) में कोरोना के एक साथ तीन मामले आने पर अस्पताल को सील कर दिया गया है। अस्पताल के करीब सभी गेट बंद कर दिए हैं। केवल मेन गेट से ही मरीजों और अन्य स्टाफ को पास दिखाकर ही एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था दोगुनी कर दी गई है। मेन गेट, कोरोना ओपीडी, कंट्रोल रूम, इमरजेंसी गेट, इमरजेंसी ओपीडी, पर्ची काउंटर, हेल्प डेस्क सहित अन्य जगह पर सुरक्षा बढ़ा दी है। अस्पताल आए मरीजों और तीमारदारों को बिना कारण टहलने की अनुमति नहीं है। ई-ब्लॉक, कोरोना ओपीडी और सीटी स्कैन एरिया में स्टाफ के अलावा किसी की आवाजाही बंद कर दी गई। वहीं इमरजेंसी व कोरोना की ओपीडी में आ रहे मरीजों के साथ केवल एक तीमारदार को आवाजाही की अनुमति दी जा रही है।
हाईड्रोक्लोराइड लिक्विड से अस्पताल किया सैनिटाइज
कोरोना पॉजीटिव मरीजों के अस्पताल पहुंचने से पहले आइसोलेशन वार्ड को पूरी तक स्टरलाइज किया गया। वहीं मरीजों को वार्ड में भर्ती करने के बाद अस्पताल परिसर की सड़कों और परिसर को पहले पानी से धोया, उसके बाद हाईड्रोक्लोराइड के लिक्विड से पूरा परिसर सैनिटाइज किया गया। सैनिटाइज करने वाले कर्मियों ने एहतियात के तौर पर विशेष किट पहन रखी थी।
मरीजों की हालत स्थिर : डॉ. जनकराज
आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि तीनों मरीजों की हालत स्थिर है। मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। हालांकि मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण उजागर नहीं हुए हैं। लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर इनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
दिहाड़ी लगाकर करते हैं गुजारा
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि तीनों मरीज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं और हिमाचल में जगह-जगह मजदूरी का काम करते हैं। ये तीनों 18 मार्च को हिमाचल आए थे। 18 मार्च के बाद ये जिन लोगों के संपर्क में आए हैं उनकी पहचान की जा रही है।
स्टाफ को क्वारंटाइन के साथ रखा जाएगा अलग
मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों, नर्सो और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए चौड़ा मैदान स्थित सर्किट हाउस में 50 कमरों की व्यवस्था की है। स्टाफ को विशेष वाहनों के माध्यम से ले जाया जाएगा। उनके परिवार को बचाने के लिए अलग रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा स्टाफ का पांच-पांच दिन की ड्यूटी का रोस्टर तैयार किया गया है। पांच दिन पूरा करने के बाद पूरे स्टाफ को 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इसी बीच दूसरी टीम मरीजों का इलाज करेगी।