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इस राज्य में अब पानी को लेकर नहीं मचेगा हाहाकार, मिशन मोड शुरू करने के भी निर्देश

हिमाचल में अब पानी को लेकर जनता परेशान नहीं होगी केंद्र सरकार ने 1973 करोड़ की पेयजल योजनाओं के लिए स्वीकृति दी है साथ ही मिशन मोड के भी निर्देश दिए हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 07:57 AM (IST)
इस राज्य में अब पानी को लेकर नहीं मचेगा हाहाकार, मिशन मोड शुरू करने के भी निर्देश
इस राज्य में अब पानी को लेकर नहीं मचेगा हाहाकार, मिशन मोड शुरू करने के भी निर्देश

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल के गांव अब पानी के लिए विकल नहीं रहेंगे। केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन उम्मीदों की किरणेंं लेकर आया है। मोदी सरकार ने 1973 करोड़ की पेयजल योजनाओं को न केवल स्वीकृति दी है, बल्कि इन्हें मिशन मोड पर शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं। प्रदेश में आइपीएच विभाग के लिए यह राहत किसी संजीवनी से कम नहीं है। इससे कोर नेटवर्किंग स्थापित करने में विभाग को मदद मिलेगी, लेकिन तीन स्तर की डीपीआर में से सी कैटेगिरी की डीपीआर को केंद्र ने जल मिशन के नॉर्म के अनुरूप नहीं पाया है। इस कारण इन्हें दोबारा तैयार करना होगा। इसके अलावा ए और बी कैटेगिरी की डीपीआर और इसके एस्टीमेट पर मुहर लगाई गई है।

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कोर नेटवर्किंग के तहत हर घर को नल से जोड़ा जाएगा। नई स्वीकृतियों को राज्य की स्टेट लेवल स्कीम सेंक्र्शंनग कमेटी (एसएलएसएससी) से भी हरी झंडी मिली है। अब ये स्कीमें धरातल पर उतरेंगी। 269 स्कीमों में से 3 लाख 45 हजार 652 घरों को पेयजल का कनेक्शन मिलेगा। इसके अलावा 10593 बस्तियां भी लाभान्वित होंगी। अभी तक राज्य में हर घर को नल से जोड़ने का प्रावधान नहीं था। जो भी कनेक्शन दिए जाते थे, वे बस्तियों के नाम से दिए जाते थे। 

1000 से अधिक योजनाएं हांफीं

विभाग की एक हजार से अधिक ऐसी स्कीमें हैं, जो हांफने की कगार पर पहुंच गई हैं। ये दो दशक से पुरानी हैं। इनकी भी मरम्मत होगी। इसमें पहले पानी सप्लाई करने की क्षमता थी लेकिन अब काफी कम रह गई हैं। ऐसे में दोबारा से क्षमता बढ़ाई जाएगी, बशर्ते स्नोत में पानी है

क्या है कोर नेटवर्किंग

  • इसके तहत कई स्कीमों को क्लब किया जाएगा और इनमें इस प्रकार के प्रावधान होंगे।
  • हर घर को नल का प्रावधान
  • हरेक खेत को जल का प्रावधान
  • हरेक नाले, खड्ड व नदी में बाढ़ नियंत्रण का प्रावधान
  • वर्षा पानी का संग्रहण
  • सीवरेज के ग्रीन पानी को रिसाइकल करना
  • प्रदूषित नालों, खड्डों व नदियों की सफाई करना

केंद्र सरकार से 269 स्कीमों को स्वीकृति मिली है। अभी डीपीआर व एस्टीमेट को स्वीकृति दी है। अब फंड की कमी नहीं रहेगी। जितना कार्य करेंगे, फंड उतना ही मिल जाएगा। हर घर को नल का प्रावधान कोर नेटवर्किंग करने की दिशा में अहम कदम है।इस साल कितना बजट खर्च होगा, इसका पता मार्च तक लग सकेगा, अभी नहीं। 

-नवीन पुरी, ईएनसी, आइपीएच विभाग।

निजी स्कूलों से बेहतर अंक लाओ, एक लाख पाआे

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार सुबह मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर का निरीक्षण किया। छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए कहा कि निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी विद्यालयों में भी प्रतिभा की कमी नहीं है। उन्होंने कहा, जो भी विद्यार्थी निजी स्कूलों के मुकाबले ज्यादा अंक लाएगा, उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। राज्यपाल के कक्षा में पहुंचने से छात्राएं परेशान तो थीं, लेकिन जब उन्होंने संवाद शुरू किया तो छात्राएं खुलकर बोलीं। बंडारू दत्तात्रेय ने छात्राओं को परिश्रम, अनुशासन, संस्कार और देशभक्ति को जीवन में अपनाकर सफलता का मंत्र दिया। छात्राओं को महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी पढ़ने की नसीहत भी दी।

सुबह जल्द उठकर योग करें छात्राएं 

राज्यपाल ने कहा, हर छात्रा देश के लिए कोई भी कार्य निर्धारित करे और उस पर अमल भी करे। स्वच्छता को तन, मन और बुद्धि की स्वच्छता से भी जोड़ें। छात्राओं को सुबह जल्दी उठकर योग करने की सलाह भी राज्यपाल ने दी। 

स्कूल को दिए पांच लाख रुपये

राज्यपाल ने स्कूल को विभिन्न गतिविधियों के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, लड़कियां विकास के हर क्षेत्र में अग्रणी हैं और उनका यहां आने का उद्देश्य केवल बच्चों से बातचीत करना और उनके विचारों को जानना था। स्वच्छता एवं प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान की सफलता में विद्यार्थी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

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