अन्य राज्यों से पढ़े हिमाचलियों को एमबीबीएस कोटा नहीं
एमबीबीएस की सीटों के लिए हिमाचल से बोर्ड की दो परीक्षाएं पास न करने वाले बोनाफाइड हिमाचलियों को हिमाचली कोटा नहीं मिलेगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार अन्य राज्यों से शिक्षित हिमाचलियों को एमबीबीएस में कोटा नहीं देगी। एमबीबीएस की सीटों के लिए हिमाचल से बोर्ड की दो परीक्षाएं पास न करने वाले बोनाफाइड हिमाचलियों को हिमाचली कोटा नहीं मिलेगा। सरकार इस संबंध में वर्ष 2013 से पूर्व के नियम व प्रावधान को आधार बनाकर 26 जून को प्रदेश उच्च न्यायालय में जवाब दायर करेगी।
प्रदेश उच्च न्यायालय ने अन्य राज्यों से शिक्षा हासिल करने वाले हिमाचलियों को आवेदन की व्यवस्था तो अवश्य कर दी है लेकिन अभी सरकार नियमों को उच्च न्यायालय में रखकर छूट प्रदान करने को रद करने की मांग करेगी। जयराम सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार के 2013 में किए गए एमबीबीएस सीटों के प्रवेश में बदलाव को लागू न कर 2013 से पूर्व की शर्तों और नियम के आधार पर एमबीबीएस में प्रवेश प्रदान करने की व्यवस्था दी है।
इसके तहत अन्य राज्यों व विदेशों में निजी तौर पर सेवारत व निजी कारोबारी बोनाफाइड हिमाचलियों के बच्चे प्रदेश कोटे की सीटों से बाहर हो गए हैं जिन्होंने प्रदेश से बोर्ड की दो कक्षाएं पास नहीं की हैं। ऐसे बच्चे कोटे की मांग कर रहे हैं और प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। हिमाचली कोटे के लिए बोनाफाइड हिमाचली होने के साथ प्रदेश से बोर्ड की दो परीक्षाएं पास होना अनिवार्य है जबकि 2013 से पूर्व के प्रावधानों में से कुछ को राहत प्रदान की गई है।
वर्ष 2013 से पूर्व के एमबीबीएस प्रवेश के नियम में इन्हें मिली छूट
-बोनाफाइड हिमाचली सैनिकों के बच्चों को बोर्ड की दो परीक्षाओं में छूट।
-बोनाफाइड हिमाचली जो केंद्र सरकार के विभागों व हिमाचल सरकार के अन्य राज्यों में
स्थित विभागों में सेवाएं दे रहे हैं, उनके बच्चों को छूट।
29 से शुरू होगी काउंसलिंग
एमबीबीएस के हिमाचल कोटे के लिए 2013 से पूर्व के नियमों व शर्तों को लागू किया गया है। इस संबंध मेंं 26 जून को जवाब देकर इन नियमों की पैरवी की जाएगी। अभी आवेदन कर सकते हैं लेकिन निर्णय आने के बाद ही हिमाचल कोटे पर विचार होगा। 29 जून से काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी।
-बीके अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य
सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस मामले से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया कि मामला हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और वहां सुनवाई हो रही है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय में अलग से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। इस मामले में प्रार्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।