भाजपा चार्जशीट के 60 आरोपों में दम, विजिलेंस ने चार्जशीट रिपोर्ट सरकार को भेजी
विजिलेंस ने चार्जशीट रिपोर्ट सरकार को भेजी,160 बिंदुओं पर किया गहनता से विचार।
शिमला, रमेश सिंगटा। भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के मसले पर पूर्व कांग्रेस सरकार पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार भाजपा की चार्जशीट के आधार पर 160 में से 60 बिंदुओं की विजिलेंस ने छंटनी पूरी कर ली है। इन आरोपों पर विचार विमर्श करने के बाद 50 से 60 आरोपों में दम पाया गया है। विजिलेंस ने अब फैक्ट्स फाइंडिंग रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजकर प्रारंभिक जांच की अनुमति मांगी है। इस सिलसिले में विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने गृह विभाग को पत्र लिखा है। चार्जशीट पहले ही सरकार के माध्यम से ही भेजी गई है। इसमें सरकार के स्तर पर काफी कसरत हो चुकी है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति
प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। इसका क्रियान्वयन विजिलेंस के माध्यम से होगा। जांच एजेंसी चार्जशीट पर अभी तक पूरी तरह एक्शन में नहीं आ पाई है। भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम अभी धारदार होनी बाकी है। जीएडी ने मांगे थे कमेंट्सभाजपा ने सत्ता में आते ही गृह विभाग के माध्यम से चार्जशीट पर विभागों से कमेंट्स मंगवाए थे। बाद में तय हुआ कि कमेंट्स सामान्य प्रशासन विभाग(जीएडी) देखेगा। दो विभाग के फेर में मामला उलझता रहा। इससे फाइलें इधर उधर ही सरकती रहीं।
आरटीआइ से हुआ खुलासा
'दैनिक जागरण' की आरटीआइ से खुलासा हुआ कि दो विभागों में उचित तालमेल की कमी से चार्जशीट काफी समय तक सचिवालय की फाइलों में दौड़ती रही। हालांकि विभागों को जरूर बार-बार मौखिक निर्देश जारी किए गए। इन विभागों के लिए भी धर्मसंकट खड़ा हो गया कि अपने ही खिलाफ कैसे आरोपों को सिद्ध करते। बावजूद इसके कमेंट्स दिए गए।
350 पन्नों में थे कमेंट्स
इसी साल 19 जुलाई को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विजिलेंस के एडीजीपी को पत्र लिखा। इसके तहत चार्जशीट को विभागों से आए कमेंट्स को विजिलेंस के पास परीक्षण के लिए भेजे गए। ये कमेंट्स 350 पन्नों में थे।
17 विभागों की सूची सौंपी
गृह विभाग ने जुलाई और अगस्त में 17 विभागों की सूची विजिलेंस को सौंपी। इसके बाद सरकार ने तय किया कि जांच एजेंसी शेष विभागों से अपने स्तर पर ही कमेंट्स मंगाएगी। जिन विभागों के सरकार के माध्यम से विजिलेंस को कमेंट्स पहुंचे उनमें सहकारिता, उद्योग, पशुपालन, पर्यटन, तकनीकी शिक्षा, आइपीएच, टीसीपी, बागवानी, कृषि, खाद्य एवं आपूर्ति, एमपीपी एंड पावर, मत्सय, भाषा, कला एवं संस्कृति, परिवहन, गृह, स्वास्थ्य व वन विभाग शामिल हैं।
राजभवन को भी भेजी रिपोर्ट
प्रदेश सरकार ने चार्जशीट पर की गई प्रारंभिक कार्रवाई की रिपोर्ट राजभवन को भी भेजी है। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने भाजपा नेताओं की मौजूदगी में राज्यपाल को चार्जशीट सौंपी थी। इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों, बोर्डो, निगमों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों समेत मुख्यमंत्री, कांग्रेस के अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि उस वक्त कांग्रेस सरकार ने चार्जशीट को झूठ का पुलिंदा करार दिया था।