करोड़ों की छात्रवृत्ति डकार रिकॉर्ड से छेड़छाड़!
छात्रवृत्ति घोटाले में शिक्षा विभाग को जांच के दौरान कई अहम तथ्य मिले हैं। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए हैदराबाद की कंपनी द्वारा भेजे गए रिकॉर्ड पर भी सवाल उठने लगे हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में हुए 150 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के लिए हैदराबाद की कंपनी द्वारा भेजे गए रिकॉर्ड पर भी सवाल उठने लगे हैं। शिक्षा विभाग को जांच के दौरान कई ऐसे तथ्य मिले हैं जिनसे रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का अंदेशा है। शिक्षा विभाग अब हैदराबाद से सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी से बैकअप डाटा मंगवाने की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी को बैकअप डाटा देने के लिए पत्र भेज दिया गया है। बैकअप डाटा को विभाग को पहले दिए गए छात्रवृत्ति के रिकॉर्ड के साथ चेक किया जाएगा। इसके बाद ही पुख्ता होगा कि कंपनी द्वारा पहले दिया गया रिकॉर्ड पूरी तरह सही है या किसी ने इसमें छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है। विभाग को जांच के दौरान छात्रवृत्ति के रिकॉर्ड में बैंक खाते के नंबर हैरान करने वाले मिले। कुछ बैंक खातों के नंबर ऐसे लिखे गए हैं जिनमें अधिकतर शून्य का प्रयोग हुआ है। इस प्रकार के खाता नंबर किसी बैंक द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा रिकॉर्ड में बैंकों की डिटेल पर भी पर सवाल खड़े हुए हैं। कंपनी द्वारा भेजे गए डाटा पर 'प्रोटेक्शन' लगाया गया था।
इस कारण उसे कंप्यूटर पर खंगाला नहीं जा सकता था। लेकिन आइटी विशेषज्ञ की मदद से इसका भी तोड़ निकाल कर पूरा डाटा कंप्यूटर के माध्यम से खंगाला जा रहा है। क्यों चाहिए बैकअप डाटा कंप्यूटर पर काम करते हुए जब रिकॉर्ड या फाइल को सेव करते हैं तो उसी फाइल का बैकअप डाटा भी सेव होता है। सॉफ्टवेयर बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी से यही बैकअप डाटा मांगा गया है। इस डाटा से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। बैकअप डाटा आने के बाद इसका मिलान पहले दिए गए रिकॉर्ड के साथ किया जाएगा। जल्द सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अगले सप्ताह तक पूरी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार पांच दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी जाएगी। इस मामले में केंद्र सरकार भी रिपोर्ट मांग रही है। प्रदेश सरकार जांच रिपोर्ट केंद्र को भी भेजेगी। हर रोज हो रहे नए खुलासे छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी जाएगी।
डॉ. अरुण कुमार शर्मा, शिक्षा सचिव