Himachal Education:स्कूल से छुट्टी के बाद सरकारी शिक्षक ट्यूशन देते पाए गए तो होंगे सस्पेंड
सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब न ट्यूशन सेंटर चला पाएंगे और न ही स्कूल से छुट्टी हाेने के बाद घर पर ट्यूशन पढ़ा पाएंगे। यदि वह ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है।
शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब न ट्यूशन सेंटर चला पाएंगे और न ही स्कूल से छुट्टी हाेने के बाद घर पर ट्यूशन पढ़ा पाएंगे। यदि वह ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डा अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेशों में शिक्षा कोड के रूल 2.7 का जिक्र किया गया है। शिक्षा विभाग काे गुपचुप तरीके से शिकायतें मिल रही है कि कुछ सरकारी स्कूलाें में पढ़ाने वाले शिक्षक ट्यूशन भी पढ़ा रहे हैं। छात्राें को ट्यूशन के लिए शिक्षकों की ओर से बाध्य करने की लगातार मिल रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने इस पर राेक लगाने के लिए यह आदेश जारी किए हैं। हालांकि, शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षकों को पहले भी कई बार आदेश दिए गए हैं, इसके बावजूद भी वह ट्यूशन पढ़ाने से वे बाज नहीं आ रहे हैं।
प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक रखेंगे
निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेशों में स्कूल प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों को कहा गया है कि वह इस तरह के मामलों पर नजर रखें। यदि उनके ध्यान में ऐसा मामला आता है तो अपने स्तर पर इसकी जांच करें और उप निदेशकों को रिपोर्ट भेजें। वहीं उप निदेशक उच्चतर शिक्षा को भी कहा है कि वह भी इस तरह के मामलों व शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करें। यदि प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक शिक्षकों की गलती को जानबुझ कर छुपाते हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
कमजोर बच्चों के लिए स्कूल में ले एक्सट्रा कक्षाएं
विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई छात्र पढ़ाई में कमजोर है तो उसकी छुट्टी के बाद या सुबह के समय एक्सट्रा कक्षाएं लगाएं। इससे उन बच्चों पर फोकस किया जा सकता है जो किसी भी विषय में कमजोर है।
गणित-अंग्रेजी की सबसे ज्यादा ट्यूशन पढ़ाते है
राज्य के सरकारी स्कूलाें के कुछ शिक्षक गणित, अंग्रेजी, कैमिस्ट्री, फिजिक्स, अकाउंटस सहित कुछ अन्य विषयों की टयूशन पढ़ाते हैं। कुछ शिक्षक घर पर टयूशन पढ़ाते हैं तो कुछ कोचिंग सेंटर भी जाते हैं। पूर्व में कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमें शिक्षक अपने ही स्कूलों के बच्चों को टयूशन देते हुए पाए गए हैं।
ऐसे होगी कार्रवाई
-शिक्षा विभाग काे अगर ट्यूशन पढ़ाने अौर ट्यूशन सेंटर चलाने से संबंधित काेई भी सूचना मिलती है ताे उसकी जांच होगी।
-शिक्षा निदेशक काे शिकायत सीधे तौर पर की जा सकती है। विभाग की ओर से जांच कमेटी गठित करके रिपोर्ट निदेशक को भेजी जाएगी।
-उक्त शिक्षक अगर दाेषी पाया जाता है ताे सीधे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
शिक्षकाें के लिए ये है नियम
विभाग के अनुसार शिक्षक जब भी स्कूल में पढ़ाता है, उसका आचरण सभ्य हाेना चाहिए। वह एक देश के नागरिक काे भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। शिक्षक न ताे ट्यूशन पढ़ा सकता है और न ही छात्राें काे स्कूल के बाद अपने घर पर जबरदस्ती पढ़ने के लिए बुला सकते हैं। सुबह टीचराें काे समय पर पहुंचना हाेगा और बायाेमीट्रिक में हाजरी लगानी जरूरी की गई है।
अच्छी खासा मिलता है वेतन
सरकारी स्कूल के शिक्षकों को हर महीने अच्छा वेतन मिलता है। वेतन के साथ अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहे है कि हजाराें रुपए सैलरी मिलने के बावजूद भी शिक्षक डबल कमाई क्याें कर रहे हैं।