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कोर्ट पहुंची अध्यापक संघ के असली व नकली की लड़ाई

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के दो गुटों में छिड़ी असली और नकली की लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 07:50 PM (IST)
कोर्ट पहुंची अध्यापक संघ के असली व नकली की लड़ाई
कोर्ट पहुंची अध्यापक संघ के असली व नकली की लड़ाई

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के दो गुटों में छिड़ी असली और नकली की लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच गई है। इस संबंध में शिमला की एक कोर्ट ने प्रतिवादियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। अंतरिम आदेश पर अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। संघ के वीरेंद्र चौहान धड़े ने कोर्ट में याचिका दायर की है। यही नहीं उन्होंने शिमला के थाना ढली में भी शिकायत दर्ज की है। यह शिकायत दूसरे गुट के अध्यक्ष नरेश महाजन समेत अश्वनी गुलेरिया, संजीव ठाकुर, नरेश धीमान, नरोत्तम वर्मा, यशवीर रणौत, संजय ठाकुर, अजय शर्मा, हरदेव सिंह, और सत्यप्रकाश के खिलाफ की गई है।

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शिमला पुलिस ने मामला हमीरपुर से जुड़ा होना पाया है। इस कारण इसे रोजनामचे में दर्ज कर जांच के लिए हमीरपुर पुलिस को भेजा है। इसी संबंध में संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संघ से बर्खास्त किए पूर्व अध्यक्ष नरेश महाजन (अब समानांतर धड़े के अध्यक्ष) पूर्व जिला अध्यक्ष बिलासपुर यशवीर रणौत, पूर्व जिला अध्यक्ष मंडी अश्वनी गुलेरिया, पूर्व जिला अध्यक्ष सोलन नरोत्तम वर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष हमीरपुर संजीव ठाकुर, पूर्व जिला अध्यक्ष कांगड़ा नरेश धीमान व पूर्व जिला अध्यक्ष चंबा संजय ठाकुर संगठन विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने पिछले साल 31 मार्च के प्रस्ताव का उल्लंघन कर इस नौ नवंबर को हमीरपुर में अलग से चुनाव करवाए और संगठन के संविधान की शक्तियों का दुरुपयोग किया। कानूनी नोटिस के बावजूद इन जिलों के पास जिला व राज्य हिस्से के रूप में पड़े सदस्यता शुल्क को शिमला में जमा नहीं करवाया। उसी दिन संघ के चुनाव शिमला में भी हुए।

उन्होंने कोर्ट के अंतरिम आदेश की कॉपी शिक्षा मंत्री, प्रधान सचिव शिक्षा समेत कई अधिकारियों को दी है। इसमें मांग की है कि उनके संगठन को ही मान्यता देकर दूसरे पर रोक लगाई जाए।

उधर, नरेश महाजन गुट का दावा है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का असली प्रतिनिधित्व वही करते हैं। उन्होंने चौहान के चुनाव को गैर संवैधानिक और गैर कानूनी करार दिया है।


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