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इस बार अरब के शेख नहीं चख पाएंगे शिमला की चेरी का स्वाद

शिमला से स्टोनफ्रूट व चेरी की आपूर्ति अरब देशों व महानगरों में होती है, लेकिन इस बार उत्पादन कम होने के कारण अन्य राज्यों में भी भेजना मुश्किल हो गया है

By Edited By: Published: Mon, 14 May 2018 06:34 PM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 02:29 PM (IST)
इस बार अरब के शेख नहीं चख पाएंगे शिमला की चेरी का स्वाद
इस बार अरब के शेख नहीं चख पाएंगे शिमला की चेरी का स्वाद

शिमला, जेएनएन। इस बार अरब के शेख शिमला की चेरी व बादाम का स्वाद नहीं चख पाएंगे। मुंबई, चेन्नई व दिल्ली के फाइव स्टार होटलों को भी स्टोन फ्रूट की आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है। मौसम के बिगडे़ मिजाज से शिमला जिला में स्टोन फ्रूट की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। चेरी के पौधे तुड़ान से पहले ही खाली हो चुके हैं और बादाम की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। इससे जिला के फल उत्पादकों को करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पडे़गा।

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शिमला से स्टोनफ्रूट व चेरी की आपूर्ति अरब देशों व महानगरों में होती है, लेकिन इस बार उत्पादन कम होने के कारण अन्य राज्यों में भी भेजना मुश्किल हो गया है। कच्चे बादाम का उत्पादन बादाम सबसे ज्यादा शिमला जिला के कोटगढ़, थानाधार सहित पूरे सेब बहुल क्षेत्र में होता है। चेरी का उत्पादन भी शिमला जिला के अधिकाश क्षेत्रों में होता है।

बादाम, चेरी के अतिरिक्त खुमानी, आड़ू, पलम का काफी उत्पादन होता है। इन दिनों जिला शिमला में स्टोन फ्रूट लगभग तैयार है, लेकिन एक पखवाडे़ से मौसम खराब मौसम और ओलावृष्टि से फल जमीन पर गिर गए हैं। ओलावृष्टि के कारण इन पौधों से पत्ते तक झड़ गए हैं, जिससे अब बाजार में आडू, खुमानी और चेरी ढूंढे़ नहीं मिल रही है। पिछले साल जिला में लगभग 5000 मीट्रिक टन स्टोन फ्रूट का उत्पादन हुआ था।

 

प्रकृति के इस अनुपम फल में केवल खूबसूरती ही नहीं, फायदे भी है। इसे खाने से न केवल दिल के रोगी होने पर अंकुश लगता है, बल्कि कैंसर के खतरे भी कम होते है। चेरी में मेलाटोनिन नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। यह तत्व हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। चेरी में एंथोसाइनिन नामक लाल पिगमेंट भी पाया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेट की तरह काम करता है। विटमिन सी और एंथोसाइनिन से हमारे शरीर में पाया जाने वाला कोलाजेन मजबूत होता है। डॉक्टरों का कहना है कि चेरी हृदयाघात व कैंसर के खतरे को 50 प्रतिशत कम कर देता है। यह आर्थराइटिस, गठिया और सिरदर्द के इलाज में भी सहायक है। इसके अलावा जी मिचलाने और उल्टी की शिकायत भी इस छोटे से फल से दूर हो सकती है। ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और डायरिया के इलाज में भी चेरी मददगार होती है।

डाइटीशियन चेरी को विटमिन सी और के का अच्छा स्त्रोत मानते है। इनमें थायमीन, राइबोफ्लैविन, विटमिन बी-6 और पैटोथेनिक अम्ल भी काफी मात्रा में होता है। इसमें नायसिन, फोलेट और विटमिन ए का भी अंश होता है। पोटेशियम और मैगनीज जैसे खनिजों से युक्त चेरी में कॉपर, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी संक्षिप्त मात्रा में होते है। 100 ग्राम चेरी में 63 कैलरी होती है। इसके फायदों को देखते हुए ही मई में चेरी डेजर्ट डे मनाया जाता है। रेशे से भरपूर चेरी में पानी और कार्बोहाइड्रेट होता है, लेकिन सैचुरेटेड वसा, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा कम होती है।

चेरी में एन्थोसियानिन पाया जाता हैं, यह गठिया रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। गठिया रोग से जो लोग ग्रस्त होते हैं उनके शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता हैं जिसके कारण ही रोगी के हाथ पैर सूज जाते हैं और उन्हें बहुत दर्द होता हैं। एन्थोसियानिन चेरी में स्थित वो एंजाइम होते हैं जिनसे शरीर के यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती हैं और उसे जल्द ही इस रोग से छुटकारा मिल जाता हैं। अगर किसी व्यक्ति को गठिया रोग हो और उसके हाथों पैरों में अधिक दर्द होती हैं तो उसे दिन में करीब 15 से 20 खट्टी चेरी का सेवन करना चाहिए।

चेरी ह्रदय रोग से पीड़ित के लिए बहुत ही लाभदायक होता हैं, क्योंकि इसमें पोटैशियम, लोहा, जस्ता, मैगनीज जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें क्युसेर्टिन, और बीटा कैरोटिन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। ये तत्व ह्रदय रोग को रोकने में अधिक सक्षम होते हैं।

चेरी में एंटी ऑक्‍सीडेंट्स जैसा तत्व भी पाया जाता हैं। यह तत्व मनुष्य के शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता हैं, जिससे कैंसर जैसे रोग हमारे शरीर से दूर रहते हैं। चेरी में फिनॉनिक एसिड और फ्लेवोनॉयड भी पाए जाते हैं। ये दोनों मनुष्य के शरीर में स्थित कैंसर के ऊतक को बढ़ने से रोकते हैं।

चेरी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती हैं, जिससे हमारे शरीर में स्थित सोडियम की मात्रा कम हो जाती हैं और शरीर का रक्तचाप का स्तर सामान्य रहता हैं। यदि चेरी का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इससे रक्तचाप तो नियंत्रित रहता ही हैं इसके साथ ही हमारे शरीर का कोलेस्ट्रोल का स्तर भी ठीक रहता हैं।

चेरी का सेवन करने से मनुष्य के शरीर की हड्डियों में मजबूती आती हैं, क्योंकि चेरी में विटामिन सी की भी मात्रा पाई जाती हैं विटामिन सी हमारे शरीर के कोलेजन और ऊतकों के लिए लाभदायक होता हैं। चेरी को खाने से हड्डियों में मजबूत होती हैं इसके साथ ही यह शरीर के अस्थि घनत्व को भी बढ़ाता हैं।


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