मार्कंडेय को स्वाइन फ्लू, मंत्रियों को लगाए टीके
प्रदेश में स्वाइन फ्लू का खौफ अब सरकार के मंत्रियों पर भी मंडराने लगा है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसकी वजह यह है कि सरकार के दो मंत्रियों ने स्वाइन फ्लू का टेस्ट करवाया है। इनमें से कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय इससे ग्रसित बताए जा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में स्वाइन फ्लू का खौफ अब सरकार के मंत्रियों पर भी मंडराने लगा है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसकी वजह यह है कि सरकार के दो मंत्रियों ने स्वाइन फ्लू का टेस्ट करवाया है। इनमें से कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय इससे ग्रसित बताए जा रहे हैं। वहीं शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी एहतियात के तौर पर टेस्ट करवाया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव ¨बदल स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के बाद इलाज करवा चुके हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मीडिया सलाहकार रोहित सावल ने भी टेस्ट करवाया है। आइटी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी किशोर शर्मा भी कई दिन से स्वाइन फ्लू से पीड़ित बताए जा रहे हैं। पुलिस के एक अधिकारी में भी इस बीमारी के लक्षण बताए जा रहे हैं। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के बाद सभी मंत्रियों को टीके लगाए गए हैं।
वीरवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तो मंत्री भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने हैरानी जताई कि मंत्रियों को तो इससे बचाव के लिए जीवन रक्षक टीके लगाए जा चुके हैं, मगर विधायकों को टीके लगाना जरूरी नहीं समझा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को स्वाइन फ्लू के इलाज की जरूरत होगी, तो व्यवस्था की जाएगी। इससे पूर्व परमार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जरूरी है कि हर व्यक्ति खुद को सर्दी से बचाए। जैसे ही जुकाम के लक्षण अधिक सक्रिय नजर आएं तो तुरंत अस्पताल में जांच करवाएं।