आइजीएमसी में डॉक्टर को स्वाइन फ्लू
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी में स्वाइन फ्लू का तीसरा मामला सामने आया है। इस बार स्वाइन फ्लू के चपेट में आम नागरिक नहीं बल्कि पीजी डाक्टर आया है। अस्पताल प्रशासन ने डाक्टर में इसके लक्षण देखने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया था। अब उनकी स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है । अस्पताल में इससे पहले अभी तक स्वाइन फ्लू के दो मामले सामने आ चुके हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में एक डॉक्टर को स्वाइन फ्लू हुआ है। अस्पताल प्रशासन ने पीजी कर रहे डॉक्टर में स्वाइन फ्लू के लक्षण देखने के बाद इलाज शुरू कर दिया। अब उनकी स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। हिमाचल में इस साल स्वाइन फ्लू का यह तीसरा मामला है।
आइजीएमसी में इस साल स्वाइन फ्लू का पहला मामला शिमला निवासी छह साल की बच्ची का था। मंडी निवासी एक व्यक्ति में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए गए थे। अब डॉक्टर में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर प्रशासन दोबारा अलर्ट हो गया है। इस रोग से निपटने के लिए दवाओं से लेकर अन्य पूरा सामान जांचा जा रहा है। स्वाइन फ्लू इनफ्लुएंजा वायरस से होता है। यह वायरस एच1 एन1 के नाम से जाना जाता है। मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है। आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तैयारी कर ली है। स्वाइन फ्लू के मरीजों को रखने के लिए आइसोलेशन वार्ड बना दिए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। स्वाइन फ्लू के लक्षण
-नाक का लगातार बहना, छींक आना।
-कफ, सर्दी व लगातार खांसी।
-मांसपेशियों में दर्द या अकड़न।
-सिर में तेज दर्द।
-नींद न आना, ज्यादा थकान।
-दवा खाने पर भी बुखार बढ़ना।
-गले में खराश बढ़ना। बचाव
-खूब पानी पीना।
-पीड़ित मरीज से दूरी बनाना।
-परिवार या मोहल्ले में किसी को स्वाइन फ्लू होने पर एहतिहातन टेस्ट करवाना।
-एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) का सेवन।