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हाईकोर्ट के आदेश की धज्जिया उड़ा रही है अफसरशाही : सुक्खू

सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वन विभाग की मनमानी कार्रवाई को तत्काल रोका जाए और हाईकोर्ट के आदेश पर अमल हो

By Edited By: Published: Tue, 08 May 2018 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 11:16 AM (IST)
हाईकोर्ट के आदेश की धज्जिया उड़ा रही है अफसरशाही : सुक्खू
हाईकोर्ट के आदेश की धज्जिया उड़ा रही है अफसरशाही : सुक्खू

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की अफसरशाही उच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ा रही है। वन भूमि से अवैध कब्जों को हटाने के लिए वन विभाग के अधिकारी तानाशाह तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं। सेब बाहुल्य क्षेत्र में लघु, सीमात और भूमिहीन किसानों के लिए पाच बीघा तक सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर मानवीय आधार पर उच्च न्यायालय ने राहत दी, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है अफसरशाही इन आदेशों की अवहेलना कर रही है।

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छोटे किसानों को राहत देने के लिए ही पूर्व काग्रेस सरकार ने 2016-17 में यह नीति बनाई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने पांच बीघा तक सरकारी भूमि वाले किसानों को राहत प्रदान की है। सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वन विभाग की मनमानी कार्रवाई को तत्काल रोका जाए और हाईकोर्ट के आदेश पर अमल हो। वन विभाग के अनुसार 2800 बीघा भूमि मात्र 13 किसानों के पास है, लेकिन कार्रवाई से अनेक छोटे किसानों पर बेदखली की मार पड़ी है।

पांच बीघा तक सरकारी भूमि वाले किसानों को भूमिहीन न किया जाए। मुख्यमंत्री स्वयं एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं और छोटे किसानों का दर्द समझते हैं वह इस पर मौन न बैठते हुए तुरंत कारवाई करें। इस नीति के तहत ही कब्जों को नियमित करने की एक लाख 57 हजार फाइलें बनी। यह ध्यान में रहे कि अगर छोटे किसानों को जल्द राहत नहीं दी गई तो बेरोजगारी, अराजकता, भुखमरी बढ़ेगी, साथ ही किसान अन्य राज्यों की तरह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को भी मजबूर हो सकते हैं।


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