फाइलों में ही रह गई स्मार्ट वर्दी
जयराम सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्मार्ट वर्दी देने की योजना फाइलों से बाहर नहीं निकली है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : जयराम सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्मार्ट वर्दी देने की योजना को विभाग फाइलों से बाहर नहीं निकाल पाए हैं। शिक्षा विभाग व खाद्य आपूर्ति निगम की लचर कार्यप्रणाली से वर्दी खरीद का मामला लटका है। टेंडर अवार्ड करने की फाइल डेढ़ महीने से अधिकारियों के कमरों में घूम रही है।
शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर में शैक्षणिक सत्र खत्म हो जाएगा। सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को स्मार्ट वर्दी दिसंबर तक मिलती दिखाई नहीं दे रही है। नई वर्दी के चक्कर में विद्यार्थियों को पुरानी वर्दी भी नसीब नहीं हुई है। स्मार्ट वर्दी देने की योजना पर पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से काम हो रहा था। भाजपा को सत्ता संभाले करीब एक साल बीत चुका है लेकिन स्मार्ट वर्दी योजना फाइलों से बाहर नहीं आ सकी है। अब हाईकोर्ट ने भी प्रदेश सरकार से वर्दी आवंटन में हो रही देरी को लेकर जवाब तलब किया है। बैठकें हुई, नहीं खरीद सके वर्दी
जयराम सरकार ने करीब 8.55 लाख विद्यार्थियों को अटल स्कूल वर्दी योजना के तहत नई वर्दी देने की घोषणा की थी। बीते तीन महीने के दौरान नई वर्दी तय करने के लिए कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इसके बावजूद वर्दी नहीं खरीदी जा सकी है। सरकार ने इस बार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से जमा दो कक्षा के 8.55 लाख विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की तर्ज पर रंगीन वर्दी देने का फैसला लिया था। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने वर्दी की खरीद का जिम्मा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम को सौंपा है। करीब डेढ़ महीने पूर्व निगम ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत
टेंडर अवार्ड करने की स्थिति में पहुंचते, इससे पहले ही कुछ कंपनियों ने सवाल उठा दिए हैं। कंपनियों ने सरकार से टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतने की शिकायत की है। इस दौरान रंगीन वर्दी के कुछ सैंपल भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। टेंडर प्रक्रिया सवालों के घेरे में आते ही खाद्य आपूर्ति निगम ने प्रक्रिया को रोक दिया है। अब सरकार न तो टेंडर रद करने के आदेश दे रही है और न ही टेंडर अवार्ड करने को मंजूरी दी जा रही है। सरकार के आदेश पर होगी कार्रवाई
स्मार्ट वर्दी देने के लिए शिक्षा विभाग को फाइल भेजी गई है। इस मामले में सरकार के जो भी आदेश आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
-एसएस गुलेरिया, प्रबंध निदेशक, खाद्य आपूर्ति निगम।