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निमार्ण कार्यो में कोताही पर होगी सख्त कारवाई

प्रदेश सरकार निर्माण कार्यो की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। इसके लिए सरकार ने कड़े आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:07 PM (IST)
निमार्ण कार्यो में कोताही
पर होगी सख्त कारवाई
निमार्ण कार्यो में कोताही पर होगी सख्त कारवाई

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार निर्माण कार्यो की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। सस्ती और घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। इमारतों और अन्य बुनियादी ढाचे के रखरखाव के लिए हिमाचल के सभी प्रमुख परिसरों के लिए आवासीय अभियंता की तैनाती पर विचार किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही।

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उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय के गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के लिए फेसबुक व ट्विटर की भी शुरुआत की। गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ ने राज्य में विभिन्न विकास परियोजनाओं के उचित निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सिफारिशें की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रमुख परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि उपयोग योजना और मास्टर प्लान तैयार करने की आवश्यकता है। सड़कों को पक्का करते समय रेत व कोलतार की सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। पुलों का निर्माण जल विज्ञान के आधार पर किया जाए। राज्य सरकार को सौंपने से पूर्व पुलों का परीक्षण निर्माणकर्ताओं द्वारा किया जाए। सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल और स्वच्छता के सभी चार घटकों को ध्यान में रखते हुए सतलुज, ब्यास, रावी और यमुना बेसिन के लिए नदीवार मास्टर प्लान विकसित किया जाना चाहिए। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग व बिजली बोर्ड द्वारा किए गए नागरिक, यात्रिक निर्माण की कड़ी गुणवत्ता जाच की जानी चाहिए। प्रदेश सरकार विकास परियोजनाओं के निर्माण में सस्ती और निम्नस्तरीय सामग्री का उपयोग करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। सरकारी भवनों में पार्किंग योजनाबद्ध नहीं

मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू ने बिलासपुर, मंडी, कागड़ा व हमीरपुर जिलों में गुणवत्ता नियंत्रण टीम के दौरे पर प्रस्तुति दी। दौरे के दौरान पाया गया कि परियोजना क्षेत्र के विकास के बिना कम निर्माण परियोजनाएं बनाई जा रही हैं। सरकारी भवनों में पार्किंग भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से योजनाबद्ध नहीं है। सड़कों पर कैंबर की कमी से पानी इकट्ठा होता है। इससे सड़कों को नुकसान पहुंचता है। गुणवत्ता नियंत्रण दल 24 सितंबर को सोलन में, बद्दी में 25 सितंबर, नालागढ़ में 26 सितंबर, ऊना में 27 सितंबर और अम्ब व चिंतपूर्णी में 28 सितंबर को दौरा करेगा। इन क्षेत्रों में आधारभूत परियोजनाओं का निरीक्षण किया जाएगा।


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