अब शहर में एसटीपी से नहीं फैलेगी गंदगी
जागरण संवाददाता शिमला अब शहर में बनने वाले किसी भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से
जागरण संवाददाता, शिमला : अब शहर में बनने वाले किसी भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से गंदगी फैलने से खतरा खत्म हो जाएगा। शहर के भवन मालिकों के लिए एसटीपी बनाने का पुजारली गांव के लोगों के विरोध को खत्म करने के लिए शिमला जल प्रबंधन निगम ने नया रास्ता निकाला है।
जल प्रबंधन निगम ने पुजारली गांव के जन प्रतिनिधियों से लेकर आम ग्रामीण व्यक्ति को डेरबस्सी व चंडीगढ़ के लिए जीरकपुर में बने आधुनिक एसटीपी का दौरा करवाया। इसमें 17 लोग शामिल रहे। इन लोगों को बताया कि एसटीपी बनाने के लिए अब आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसके आसपास या निचले क्षेत्रों में गंदगी नहीं फैलती है। इसलिए ऐसी कोई दिक्कत निचले या साथ लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को नहीं होगी। एसटीपी बनाने के लिए फिलहाल अश्वनी खडड् के पास नए एसटीपी का निर्माण किया जाना है। जिस कंपनी को ये काम आवंटित किया है, उसी कंपनी को ही अश्वनी खड्ड में प्लांट बनाने का काम सौंपा है। इसी तरह से शहर के अन्य क्षेत्रों में प्लांट बनाए जाने हैं। इसकी शुरुआत यहां से शुरू की है।
अश्वनी खड्ड पर एसटीपी बनने के बाद इसी तर्ज पर टुटू में बनाने की तैयारी है। इस पर भी काम चल रहा है। एजेपीएनएल के अधिकारियों की माने तो दौरे के दौरान पुजारली के अधिकतर लोग संतुष्ट दिखे। अब उम्मीद है कि जल्द ही उनकी तरफ से एसटीपी बनाने के लिए हरी झंडी मिल सकती है।
भरयाल में भी इसी तरह से बनेगी योजना
शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि पुजारली के लोगों की जिस तरह की समस्या है, उसी तरह की समस्या भरयाला, मजठाई से लेकर रामपुरी के लोगों की है। वे लोग भी एसटीपी से गंदगी फैलने की आशंका जताते हुए इसका विरोध करते हैं। इस आशंका को खत्म करने के लिए शीघ्र ही इन पंचायतों के लिए लोगों भी इन दो प्लांटों के साथ अन्य प्लांट का दौरा करवा कर उनकी आशंका को खत्म किया जा सकता है।
इन क्षेत्रों के लिए बनने हैं प्लांट
अश्वनी खड्ड में मेहली, पंथाघाटी से लेकर साथ लगते क्षेत्रों के लिए एसटीपी बनाया जाना है। इसी तरह से भरयाला में टुटू व मज्याठ वार्ड के लोगों के लिए एसटीपी बनाया जाना प्रस्तावित है।