पढ़ाए या खाना पकाए एकमात्र शिक्षक
प्राथमिक शिक्षा खंड रोहडू के अंतर्गत दुर्गम क्षेत्र में स्थित कंद्रोडा
जितेंद्र मेहता, रोहड़ू
प्राथमिक शिक्षा खंड रोहडू के अंतर्गत दुर्गम क्षेत्र में स्थित कंद्रोडा स्कूल सरकार व शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण एक शिक्षक के सहारे चल रहा है। स्थापना से ही इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले नौनिहालों के लिए विभाग ने केवल एक ही शिक्षक को नियुक्त किया हुआ है।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला कंद्रोडा 2002 में बना था। इसकी स्थापना के समय से ही केवल एक ही शिक्षक को यहां बच्चों को पढ़ाने का दायित्व दिया है। एकमात्र शिक्षक को ही मिड-डे मील के साथ प्रशासनिक कार्यो को भी करना पड़ रहा है।
स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान हुकम चंद का कहना है कि 2011 में स्कूल में छात्रों की कमी को देखते हुए इसे शाखा विद्यालय का दर्जा देकर इसे बंद तो नहीं किया गया, लेकिन विद्यालय में औसतन 15 के करीब बच्चे आते रहे। शिक्षकों की कमी को लेकर वह कई बार सरकार व प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि इस विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण यहां इस वर्ष संख्या घट गई है, जो 20 से घटकर 13 हो चुकी है। खंड शिक्षा अधिकारी रोहड़ू ठाकुर सैन का कहना है कि केवल एक ही शिक्षक के सहारे किसी स्कूल को चलाने से पढ़ाई प्रभावित होना स्वाभाविक है। कंद्रोडा स्कूल में मात्र एक जेबीटी शिक्षक ही पढ़ाई के साथ सभी कार्य कर रहा है।
जलवाहक का पद भी खाली
स्कूल में केवल शिक्षक की ही कमी नहीं बल्कि स्कूल में जो एकमात्र जलवाहक था वह भी पदोन्नत होकर स्थानांतरित हो गया है। ऐसे में बच्चों को पानी पिलाने वाला भी कोई नहीं है। अभिभावकों को कहना है कि स्कूल में पानी की भी कमी रहती है। बच्चे पानी घर से ही ले जाते हैं।